ज्ञात हो कि एक माह पूर्व भी दवा व्यवसायियों ने डीआइ द्वारा सुविधा शुल्क मांगे जाने के विरोध में दुकानों को बंद रखा था. गुरुवार को डीआइ अचानक राजेंद्र चौक स्थित एक दवा दुकान में जांच करने के लिए पहुंच गयी. जहां पर दुकानदार ने उन्हें बताया कि बीते 15 दिनों पहले ही एक डीआइ द्वारा उनके दवा दुकान की जांच की गयी है. फिर वे किस अधिकार से दवा दुकान की जांच करने के लिए आयी है. इस पर डीआइ सीमा कुमारी नाराज हो गयी और दवा व्यवसायी को हवालात की हवा खिलाने तक की धमकी दे दी. इसके बाद उन्होंने पूरे मामले से तत्क्षण संघ को अवगत कराते हुए डीआइ को बातों में उलझाये रखा.
देखते ही देखते वहां सैकड़ों दवा व्यवसायी जमा हो गये. इसके बाद वहां डीआइ सीमा कुमारी के विरोध में नारेबाजी शुरू हो गयी. हंगामा कर रहे दुकानदारों ने बताया कि एक माह पूर्व जब डीआइ पर सुविधा शुल्क लेने के आरोप लगे और जांच हुई. जांच में उन पर लगे आरोपों को सही पाया गया. इसके बाद उनके कार्य क्षेत्र में बदलाव कर दिया गया. इसके बावजूद वे आज फिर उनलोगों के दुकान की जांच करने के लिए पहुंच गयी. जबकि खगड़िया के सभी दुकानों की जांच का जिम्मा गोगरी के डीआइ को सौंपा गया है.
इसी बात को लेते हुए दवा व्यवसायियों ने देखते ही देखते अपने-अपने दवा दुकान को बंद कर दिया और सिविल सजर्न से मिलने के लिए पहुंच गये. जहां सिविल सजर्न डॉ विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि डीआइ सीमा कुमारी को जांच करने का कोई अधिकार नहीं है. इधर डीआइ के इस करतूत के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने डीआइ का पुतला दहन भी किया. पुतला दहन कार्यक्रम का नेतृत्व भाजपा के नगर अध्यक्ष जितेंद्र यादव कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को जिला प्रशासन ही प्रश्रय देता है. सामाजिक कार्यकर्ता बाबू लाल शौर्य ने बताया कि डीआइ पर जब गंभीर आरोप लगे और वह आरोप जांच में सत्य भी पाया गया तो फिर वह अब तक जिले में कैसे बनी हुई है. इस भ्रष्टाचार को कतई बरदास्त नहीं किया जायेगा. जरूरत पड़ी तो वे दवा व्यवसायी के समर्थन में अनशन भी करेंगे. मौके पर नगर मंत्री संजय कुमार गुप्ता, नगर उपाध्यक्ष राजेश कुमार निराला, हंसराज, उमेश शर्मा, अजरुन शर्मा, सुमन कुमार, राकेश रौशन आदि नेताओं ने अपनी बात रखी.