47 चापाकल गाड़ने का दावा, पर पानी की परेशानी बाजार जा रहे हैं, तो पानी साथ लायें

खगड़िया: तपती धूप में अगर आप शहरी क्षेत्र में बाजार के किसी काम से प्रवेश कर रहे हैं, तो सावधान हो जाये. क्योंकि यहां पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. आगर आपको प्यास लगती है तो पानी खरीद कर पीना होगा या अपने साथ लेकर ही आप बाजार आयें. जी हां, कुछ ऐसा ही हाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 10, 2015 9:28 AM

खगड़िया: तपती धूप में अगर आप शहरी क्षेत्र में बाजार के किसी काम से प्रवेश कर रहे हैं, तो सावधान हो जाये. क्योंकि यहां पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. आगर आपको प्यास लगती है तो पानी खरीद कर पीना होगा या अपने साथ लेकर ही आप बाजार आयें.

जी हां, कुछ ऐसा ही हाल शहर के नगर परिषद क्षेत्र का है. जहां पीएचइडी नगर परिषद के प्रत्येक 26 वार्ड में दो- दो चापाकल के लगाये जाने का दावा करता है. लेकिन कहीं एक भी चालू नहीं है तो कहीं कुछ चापाकल घर की शोभा बढ़ा रहे हैं. राजेंद्र चौक से बखरी बस स्टैंड तक नगर परिषद के कई वार्ड हैं. यह शहर का व्यस्ततम इलाका है. यहां जिले के कोने-कोने से लोगों का रोजाना आवागमन होता है. लेकिन इस बीच महज चार चापाकल नजर आते हैं. मील रोड, एनएएसी रोड, तथा थाना रोड में एक से दो चापाकल दिखायी दे रहा है. लेकिन इसमें से कितने चालू अवस्था में हैं. इसकी जांच विभाग या आम लोग स्वयं कर सकते हैं. यहां तक की जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 540 चापाकल गाड़ने की दावा विभाग द्वारा किया जा रहा है.

कहां-कहां हैं चापाकल खराब. राजेंद्र चौक से लेकर बखरी बस स्टैंड के बीच तीन चापाकल बीते कई माह से खराब है, जबकि टाउन थाना में दो चापाकल के विरुद्ध एक चापाकल से दर्जनों पुलिस बल इस भीषण गरमी में काम चलाने पर विवश हैं . इस संबंध में पुलिस अधीक्षक द्वारा कई बार पीएचइडी विभाग को सूचना दी गयी है. लेकिन चापाकल ठीक नहीं हो सका. वहीं मील रोड में एक चापाकल खराब है.

बढ़ी बोतल बंद पानी की खरीद

शहर में खरीदारी करने आये विभूति प्रसाद, अनिल कुमार, धर्मदेव कुमार पासवान, रोशन कुमार आदि ने बताया कि पीएचइडी विभाग सिर्फ कागजी धोड़ा दौड़ा रहा है. धरातल पर कुछ नहीं दिख रहा है. इनलोगों ने बताया कि इस भीषण गरमी में लोगों को चापाकल नहीं मिलने के कारण बंद बोतल की पानी खरीद कर पानी पीना पड़ रहा है. बताया कि शहर में प्रतिदिन हजारों लोग अपने कार्य से आते है . शहर में प्रत्येक 100 गज की दूरी पर चापाकल रहने की आवश्यकता है ओर समय समय पर पीएचइडी विभाग के द्वारा प्रतिनियुक्त मिस्त्री के द्वारा इस भीषण गरमी में अभियान के तहत चापाकल को ठीक करने की जरूरत है. लेकिन विभाग आम जनता के लिए गंभीर नहीं है. इनलोगों ने बताया कि विभाग खोखली दावा पेश कर रही है और जिलाधिकारी को गुमराह कर रही है. सिर्फ कागजी खानापूर्ति किया जा रहा है. लोगों ने कहा कि अगर इस मामले की जांच हो जाये तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा.

कहते हैं कार्यपालक अभियंता

पीएचइडी विभाग के कार्यपालक अभियंता रामाकांत सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री चापाकल योजना से वर्ष 2014-15 में इंडिया मार्क टू के नाम का 47 चापाकल शहर में गाड़ा गया है. चापाकल की खराबी की शिकायत मिलने पर आउट सोर्सिग मिस्त्री के द्वारा मरम्मत किया जाता है. उन्होंने बताया कि शहर में वर्ष 2012 -13 के शेष लक्ष्य 40 के विरुद्ध 29 चापाकल गाड़ा गया है. वर्ष 2013 -14 विभाग अपना लक्ष्य को पूरा कर लिया है.

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