तो क्या बंद होगा जुगाड़ पुल!

बेलदौर: क्षतिग्रस्त डुमरी पुल के समीप कोसीवासियों का अंतिम आसरा जुगाड़ पुल भी अब बहुत जल्द साथ छोड़ देगा. नदी के जल स्तर में हो रही वृद्धि के कारण संभावित खतरे को भांप जिला प्रशासन ने भी जुगाड़ पुल पर आवागमन शुक्रवार से बंद करने का फरमान जारी कर दिया है. यदि ऐसा होता है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2015 9:00 AM
बेलदौर: क्षतिग्रस्त डुमरी पुल के समीप कोसीवासियों का अंतिम आसरा जुगाड़ पुल भी अब बहुत जल्द साथ छोड़ देगा. नदी के जल स्तर में हो रही वृद्धि के कारण संभावित खतरे को भांप जिला प्रशासन ने भी जुगाड़ पुल पर आवागमन शुक्रवार से बंद करने का फरमान जारी कर दिया है. यदि ऐसा होता है लोगों को खासी मुसीबत ङोलनी पड़ेगी. 19 जुलाई, 2014 को जब डुमरी पुल के समानांतर बनी वैकल्पिक स्टील ब्रिज का 170 मीटर हिस्सा पानी में बह गया, तो इसकी पुन: मरम्मत करा कर आवागमन चालू कराने की उम्मीद भी टूटने लगी.

सरकार की मंशा भांप नाव पुल संचालकों ने नदी के जल स्तर में कमी आने के बाद 32 नावों को जोड़ कर बागमती नदी पर जुगाड़ पुल बना कर 31 दिसंबर से इस पुल पर हल्के समेत भारी वाहनों का आवागमन शुरू कर दिया.

जुगाड़ पुल बंद होते ही प्रखंड समेत उत्तरी बिहार का सड़क से संपर्क भंग हो जायेगा. लोगों को जिला मुख्यालय जाने के लिए वैकल्पिक सड़क मार्ग से 100 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी. हालांकि लोआ लगाम समीप निर्मित विजय घाट पुल पर तब तक आवागमन सेवा बहाल हो जायेगी, क्योंकि 15 मई को उक्त पुल के उद्घाटन किये जाने की आधिकारिक घोषणा कर दी गयी है.
आवागमन रूट : बेलदौर से बाया आलमनगर, चौसा, विजय घाट पुल, नवगछिया, महेशखूंट होते हुए जिला मुख्यालय खगड़िया तक का सफर एक घंटे के बदले 3-4 घंटे का होगा. 100 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी. बेलदौर से आलमनगर की दूरी 10 किमी, आलमनगर से चौसा 10 किमी, चौसा से बाया विजयघाट पुल होते हुए नवगछिया 35 किमी, नवगछिया से महेशखूंट 29 किमी एवं महेशखूंट से खगड़िया 16 किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी. नहीं तो कुरसेला के रास्ते जिला मुख्यालय आने मे 160 किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी. वहीं दो पहिया व पांव पैदल लोगों को खतरो से जूझते हुए कोसी नदी पार करने के लिए नाव पर ही निर्भर रहना होगा.

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