किशोरावस्था में ही थाम ली थी बंदूक

नवगछिया. गनौल निवासी शातिर अपराधी मिथिलेश यादव का आपराधिक इतिहास करीब 15 वर्ष पुराना था. आसपास के लोगों का कहना है कि किशोर अवस्था में ही उसने बंदूक थाम ली थी. मिथिलेश यादव ने फैजान गिरोह के साथ रह कर अपराध की तालीम ली और फिर अपराध की दुनिया में अपनी पैठ बना ली. शुरुआती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2015 9:39 AM
नवगछिया. गनौल निवासी शातिर अपराधी मिथिलेश यादव का आपराधिक इतिहास करीब 15 वर्ष पुराना था. आसपास के लोगों का कहना है कि किशोर अवस्था में ही उसने बंदूक थाम ली थी. मिथिलेश यादव ने फैजान गिरोह के साथ रह कर अपराध की तालीम ली और फिर अपराध की दुनिया में अपनी पैठ बना ली.

शुरुआती दिनों में वह सड़क लूट और छिनतई करता था. फैजान गिरोह में भी मिथिलेश यादव अपने सरगना का सबसे विश्वस्त माना जाता था. वर्ष 2005 में जब फैजान गिरोह का अस्तित्व समाप्त हो गया, तो मिथिलेश घुड़सवार गिरोह बना कर शबनम यादव और ध्रुव यादव के नेतृत्व वाले गिरोह डी कंपनी के साथ आ गया. एक के बाद एक कारनामा करने के बाद घुड़सवार गिरोह का विलय ध्रुव यादव के गिरोह में हो गया, तो उस समय भी मिथिलेश यादव गिरोह का सबसे विश्वस्त सदस्य था. ध्रुव और शबनम यादव की गिरफ्तारी के बाद मिथिलेश यादव ने गिरोह की कमान संभाली. जब ध्रुव यादव जेल से बेल पर बाहर आया, तो मिथिलेश का कद उसे बरदाश्त नहीं हुआ. उसने साजिश के तहत पुलिस का भेदिया बन कर मिथिलेश को गिरफ्तार करवा दिया. मिथिलेश यादव 25 अक्तूबर, 2012 को अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया. अर्म्स एक्ट के एक मामले में मिथिलेश यादव को न्यायालय से सजा भी हुई.

करीब तीन साल जेल में रहने के बाद मिथिलेश जब बाहर निकला, तो उसने फिर से एक बार आतंक मचाना शुरू कर दिया. उसके नित नये कारनामे सामने आने लगे. पिछले दिनों सतीशनगर में पवन यादव के ढाबे में तोड़फोड़, गोलीबारी और बगीचा बरबाद करने के मामले में मिथिलेश यादव का नाम आया था. हालांकि पवन यादव ने उस वक्त डर से मिथिलेश को नामजद नहीं किया था. मिथिलेश की हत्या मामले में पवन यादव को भी नामजद किया गया है. पिछले दिनों एक किसान के साथ भी मिथिलेश यादव ने मारपीट की थी. कहा जा रहा है कि इन दिनों मिथिलेश शबनम यादव के घुड़सवार गिरोह से दूर-दूर ही रहता था. इन दिनों मिथिलेश के आतंक के कारण ही गंगा दियारा स्थित मिथिलेश के गांव में ही एक आपराधिक गिरोह उसके विरोध में खड़ा हो गया था. कहा जा रहा है कि उसी गिरोह ने मिथिलेश की हत्या की है. खगड़िया पुलिस मिथिलेश यादव का आपराधिक इतिहास खंगाल रही है.

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