शिक्षक नियोजन की जांच आज से शुरू
खगड़िया: उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन की जांच बुधवार से निगरानी टीम आरंभ करेगी. इसके लिए सब-ए-बरात को छुट्टी रहने के बावजूद भी शिक्षा विभाग के कर्मी सहित डीइओ डॉ ब्रज किशोर सिंह कार्यालय में उपस्थित थे. शिक्षा विभाग के कर्मी उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के मूल प्रमाणपत्र निगरानी टीम को समर्पित करने की तैयारी में जुटे […]
खगड़िया: उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन की जांच बुधवार से निगरानी टीम आरंभ करेगी. इसके लिए सब-ए-बरात को छुट्टी रहने के बावजूद भी शिक्षा विभाग के कर्मी सहित डीइओ डॉ ब्रज किशोर सिंह कार्यालय में उपस्थित थे. शिक्षा विभाग के कर्मी उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के मूल प्रमाणपत्र निगरानी टीम को समर्पित करने की तैयारी में जुटे रहे.
स्वयं डीइओ भी अपने अधीनस्थ कर्मियों को प्रमाण पत्र से संबंधित आवश्यक निर्देश दे रहे थे. विभागीय सूत्र के अनुसार वर्ष 2003 में शिक्षामित्र शिक्षकों का नियोजन किया गया था और वर्ष 2006 में जिला शिखा पदाधिकारी के नेतृत्व में नियोजन इकाई के द्वारा माध्यमिक शिक्षकों का नियोजन किया गया था. उसी समय वर्ष 2006 में ही अनुमंडल पदाधिकारी नियोजन इकाई की देखरेख में प्लस टू में शिक्षकों का नियोजन किया गया था. वर्ष 2011 से उच्चतर माध्यमिक शिक्षक नियोजन कार्य नगर पंचायत गोगरी, नगर परिषद खगड़िया तथा माध्यमिक शिक्षक नियोजन का कार्य जिला परिषद को दिया गया था.
बता दें कि 2003 से वर्ष 2006 के बीच हुई शिक्षामित्रों की बहाली में संबंधित पंचायत के मुखिया, पंचायत सचिव द्वारा शिक्षक नियोजन में गड़बड़ी की बातें सामने आयी थी. उसके बाद टीइटी, एसटीइटी पास करने वाले अभ्यर्थियों को नियोजन में भाग लेने का अवसर मिला था. इधर शिक्षामित्र मैट्रिक, इंटर पास शिक्षकों की बहाली कर पुन: उच्च शिक्षा प्राप्त कर प्रखंड शिक्षक के रूप में सेवा अवधि का विस्तार किया गया था.
नहीं मिल रही फाइल : वर्ष 2006 में जिला शिक्षा पदाधिकारी के नेतृत्व में नियोजन इकाई के द्वारा माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन से संबंधित अभिलेख संधारक लिपिक, प्रधान लिपिक या तो सेवानिवृत्त हो गये या फिर उनकी मृत्यु होने के पूर्व उक्त अभिलेख का प्रभार नहीं दिया गया. अंतत: अभिलेख को शायद दीमक ने हजम कर लिया. इधर निगरानी टीम के निरीक्षक रहमत अली द्वारा मांगे जा रहे अभिलेख फिलवक्त विभाग द्वारा सुपूर्द नहीं किया गया है. निगरानी टीम के अधिकारी का स्पष्ट रूप से कहना है कि नियोजन संबंधी अभिलेख नहीं सौंपने पर उक्त कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई पुस्तिका की भी मांग की जा रही है.