धर्मचक के लोग भी अमल थापा के नाम से हैं हतप्रभ
खगडि़या. धनबाद के अमल थापा का नाम मानसी के धर्मचक गांव से जोड़े जाने के कारण इस गांव के लोग भी हतप्रभ हैं. लोगों ने बताया कि इस नाम का कोई भी व्यक्ति उनके गांव में न तो पहले कभी रहता था और न ही कभी रहा है. ऐसे में उसके पिस्टल के लाइसेंस के […]
खगडि़या. धनबाद के अमल थापा का नाम मानसी के धर्मचक गांव से जोड़े जाने के कारण इस गांव के लोग भी हतप्रभ हैं. लोगों ने बताया कि इस नाम का कोई भी व्यक्ति उनके गांव में न तो पहले कभी रहता था और न ही कभी रहा है. ऐसे में उसके पिस्टल के लाइसेंस के असली होने का सवाल ही नहीं पैदा होता. इधर, वरीय उपसमाहर्ता सह आर्म्स मजिस्ट्रेट संजीव कुमार ने बताया कि अपने जिले में अगर किसी को भी बंदूक, राइफल तथा पिस्टल का लाइसेंस दिया गया है, तो वह थानावार दिया गया है. अगर ऐसे अनुमान लगा कर देखा जाये, तो प्रत्येक थाने में प्रत्येक वर्ष चार से पांच लोगों को ही लाइसेंस दिया जाता है. जैसे कि मानसी में एक व्यक्ति को लाइसेंस वर्ष 2009 में दिया गया, तो उसका लाइसेंस नंबर 1/2009 होगा. समझा जा सकता है कि कभी भी एक थाने में एक बार में तीन सौ लोगों को लाइसेंस नहीं दिया गया है, तो फिर 316/2009 लाइसेंस अपने आप ही जाली साबित हो जाता है. उल्लेखनीय है कि अमल थापा धनबाद के चर्चित ठेकेदार एलबी सिंह का निजी बॉडीगार्ड है. उसने मानसी धर्मचक के पते से फर्जी लाइसेंस बनाते हुए पिस्टल रखा. बहरहाल इस मामले की जांच अब भी धनबाद पुलिस द्वारा की जा रही है. वहीं डीएम राजीव रोशन की तरफ से इस मामले में सब कुछ स्पष्ट किया जा चुका है.