दाखिल-खारिज की जानकारी के लिए देखें वेबसाइट

खगड़िया: दाखिल-खारिज अकारण अस्वीकृत करने वाले राजस्व कर्मचारियों की अब खैर नहीं है. लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के तहत 18 कार्य दिवस में दाखिल-खारिज करने का प्रावधान है. अगर किसी आवेदक का दाखिल-खारिज 18 कार्य दिवस में नहीं होता है तो वे प्रथम अपीलीय प्राधिकार के पास अपील दायर कर सकते हैं. मालूम हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2015 8:45 AM
खगड़िया: दाखिल-खारिज अकारण अस्वीकृत करने वाले राजस्व कर्मचारियों की अब खैर नहीं है. लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के तहत 18 कार्य दिवस में दाखिल-खारिज करने का प्रावधान है. अगर किसी आवेदक का दाखिल-खारिज 18 कार्य दिवस में नहीं होता है तो वे प्रथम अपीलीय प्राधिकार के पास अपील दायर कर सकते हैं. मालूम हो कि अगर किसी आवेदक का दाखिल-खारिज कोई राजस्व कर्मचारी अकारण अस्वीकृत कर देते हैं तो उनपर कार्रवाई की गाज गिर सकती है.
अधिनियम की महत्ता पर प्रश्नचिह्न् : लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम लागू होने से दाखिल-खारिज में सुधार तो हुआ है, लेकिन कई बार अकारण दाखिल-खारिज अस्वीकृत किये जाने का भी मामला सामने आ चुका है. इसके कारण इस अधिनियम की शत-प्रतिशत महत्ता पर अभी भी प्रश्नचिह्न् लगा हुआ है. अविवादित जमीन की दाखिल-खारिज 18 कार्य दिवस में करने का प्रावधान है, लेकिन वास्तव में 18 कार्य दिवस में शत-प्रतिशत दाखिल-खारिज हो पाता है. सूत्रों की मानें तो कई राजस्व कर्मचारी अकारण दाखिल-खारिज अस्वीकृत करते हैं. जबकि डीएम राजीव रोशन ने निर्देश दिया है कि किसी भी हालत में अकारण दाखिल-खारिज अस्वीकृत नहीं किया जाये. यहां तक कि कई राजस्व कर्मचारी दाखिल-खारिज अस्वीकृत करने का कारण विस्तार से नहीं दर्शाते हैं.
वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश : पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से डीएम राजीव रोशन ने दाखिल-खारिज का शुद्धि पत्र वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिये हैं. ताकि आवेदक वेबसाइट पर यह देख सके कि उनका दाखिल-खारिज स्वीकृत हुआ अथवा अस्वीकृत. आवेदक को अगर ऐसा लगे कि उनका दाखिल-खारिज गलत तरीके से अस्वीकृत किया गया है तो वे वरीय पदाधिकारी के समक्ष आपत्ति दर्ज कर सकते हैं. सभी प्रखंडों के आइटी सहायक को स्वीकृत व अस्वीकृत शुद्धि पत्र को वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए कहा गया है. अगर अपलोड करने में कोई आइटी सहायक लापरवाही बरतेंगे तो उनपर कार्रवाई की गाज गिर सकती है. अगर किसी आवेदक का शुद्धि पत्र वेबसाइट पर अपलोड नहीं होता है तो इसके लिए आइटी सहायक ही जिम्मेवार होंगे.
लोगों को जागरूक बनने की जरूरत
खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में इस अधिनियम को लोग अभी भी ठीक ढंग से नहीं समझ पाये हैं. इसके कारण तय कार्य दिवस में सेवा उपलब्ध नहीं होने पर भी वे अपील करने के बजाये घर बैठ जाते हैं. अगर शत-प्रतिशत लोगों में इस अधिनियम के प्रति जागरूकता पैदा हो जाय तो कई कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक सकती है.
कैसे करें अपील
आप अगर किसी आरटीपीएस में दाखिल-खारिज का आवेदन जमा किये हैं और तय कार्य दिवस में आपका दाखिल-खारिज नहीं हुआ है तो आप प्रथम अपीलीय प्राधिकार के यहां अपील दायर कर सकते हैं. अगर आपका दाखिल-खारिज गलत तरीके से अस्वीकृत कर दिया गया है तो आप वेबसाइट पर अस्वीकृत का कारण जानकार संबंधित राजस्व कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई के लिए डीएम से शिकायत कर सकते हैं.

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