नाक दबा कर काम करते हैं कर्मी

प्रतिनिधि, परबत्ताप्रखंड मुख्यालय स्थित कार्यालय में विगत कुछ महीनों से पदाधिकारियों और कर्मियों का जीना दूभर हो रहा है. इसका कारण कार्यालय के अंदर बना शौचालय है, जिससे काफी दुगंर्ध निकलती है और उस दुर्गंध के बीच काम करना पड़ता है. विगत वर्ष सरकारी राशि से प्रखंड कार्यालय के दक्षिणी तथा उत्तरी हिस्से में एक-एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 15, 2015 10:05 PM

प्रतिनिधि, परबत्ताप्रखंड मुख्यालय स्थित कार्यालय में विगत कुछ महीनों से पदाधिकारियों और कर्मियों का जीना दूभर हो रहा है. इसका कारण कार्यालय के अंदर बना शौचालय है, जिससे काफी दुगंर्ध निकलती है और उस दुर्गंध के बीच काम करना पड़ता है. विगत वर्ष सरकारी राशि से प्रखंड कार्यालय के दक्षिणी तथा उत्तरी हिस्से में एक-एक शौचालय तथा मूत्रालय का निर्माण कराया गया था. इस निर्माण में शौचालय के साथ-साथ जल संग्रहण टैंक तथा मोटर भी लगाया गया. किंतु इस पूरे योजना में छोटी-छोटी कमी रह जाने के कारण जनसुविधाओं के लिये कराया गया यह निर्माण परेशानी का सबब बन कर रह गया. मोटर में बिजली वायरिंग नहीं हो सकी. शौचालय का फाटक त्रुटिपूर्ण होने के कारण इसके खुलने व लगने की समस्या बनी रह गयी. इस वजह से शौचालय का उपयोग शुरू नहीं हो सका. मूत्रालय में नल लगे रहने के बावजूद अक्सर टंकी खाली रहने के कारण साफ-सफाई नहीं हो रही है. दोनों शौचालय के ठीक बगल में कार्यालय होने के कारण न केवल कर्मियों को दिन भर बदबू भरे माहौल में काम करने को विवश होना पड़ रहा है, बल्कि कार्यालय में किसी काम से आने वाले लोगों को भी इस असह्य दुगंर्ध को झेलना पड़ता है. अमूमन सभी कर्मी व पदाधिकारी किसी प्रकार नाक दबा कर दिन खेप रहे हैं. प्रखंड एवं अंचल के कर्मी गौतम कुमार, सिद्धार्थ राज, मुकेश कुमार सोनी, सोमेश कुमार शर्मा, अमित कुमार, भानू कुमार, शैलेन्द्र भगत आदि ने बताया कि दुगंर्ध के कारण यहां काम करना सजा की तरह हो गया है.

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