माहे रमजान का पहला रोजा आज
खगड़िया/ गोगरी: मुसलिम समुदाय के लोगों का पाक माह रमजान आज (शुक्रवार) से शुरू हो जायेगा. समुदाय के लोगों में खुशी है कि इस बार रमजान माह जुमे के दिन से आरंभ हो रहा है. गुरुवार को चांद दिखने के बाद शुक्रवार को लोग पहला रोजा रखेंगे. इसके तहत लोग सुबह में 3:11 में सहरी […]
खगड़िया/ गोगरी: मुसलिम समुदाय के लोगों का पाक माह रमजान आज (शुक्रवार) से शुरू हो जायेगा. समुदाय के लोगों में खुशी है कि इस बार रमजान माह जुमे के दिन से आरंभ हो रहा है. गुरुवार को चांद दिखने के बाद शुक्रवार को लोग पहला रोजा रखेंगे.
इसके तहत लोग सुबह में 3:11 में सहरी करेंगे. उसके बाद शाम में 6:38 में इफ्तार कर रोजा खोलेंगे. वहीं तरावीह की नमाज गुरुवार की शाम से शुरू हो गयी. इधर रमजान के तहत तैयारी को लेकर गुरुवार को बाजार में रौनक दिखी. बाजार में फल, खजूर आदि की दुकानों पर खरीदारों की काफी भीड़ रही. रमजान को लेकर जामा मसजिद जमालपुर के इमाम मौलाना अजमल कासमी ने बताया कि रमजान की फजीलत के लिए इतनी बात काफी है कि अल्लाह के नवी हुजूर सलल्लाहू वालेही वसल्लम ने रमजान के इस माह को पाक माह करार दिया है. हदीश कुदशी में अल्लाह पाक फरमाते हैं कि इस पाक माह में रोजा रखने वाले को मैं खुद बदला देता हूं या उसका बदला बन जाता हूं. उन्होंने कहा इसलाम में रोजा हर बालिग मर्द-औरत मुसलिम के लिए रोजा फर्ज है, जिसे उसे पूरा करना ही है. बच्चे, बीमार, लाचार, वृद्ध ही इस फर्ज को न निभा सकें, तो उन्हें अल्लाह की माफी मिल सकती है.
उन्होंने कहा रोजा ही एक ऐसा कार्य है, जिसमें अल्लाह के सभी बंदे एक समान हो जाते हैं. इसमें अमीर हो या गरीब सभी अन्न जल त्याग भूखे रहते हैं और अल्लाह की बंदगी में अपने हाथ उठाते हैं. उन्होंने तरावीह के बारे में बताया कि तरावीह सुन्नते मोआकदा है. इसमें 20 रेकात नमाज-ए-तरावीह अदा की जाती है. इसे पूरे महीने हाफिज सुनाते हैं. तरावीह की समाप्ति के बाद सुर-ए- तरावीह होता है.