सड़क ऐसी कि धान रोप दें
फोटो है 18 में कैप्सन : ट्रैक्टर में धक्का लगाते लोग महेशखूंट. एनएच 107 महेशखंूट से लेवागांव तक जाने बाली सड़क जर्जर होने से लोगांे को बरसात के मौसम में पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. आज भी पक्की सड़क के लिए यहां के लोग तरस रहे हैं. विदित हो कि इस सड़क से […]
फोटो है 18 में कैप्सन : ट्रैक्टर में धक्का लगाते लोग महेशखूंट. एनएच 107 महेशखंूट से लेवागांव तक जाने बाली सड़क जर्जर होने से लोगांे को बरसात के मौसम में पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. आज भी पक्की सड़क के लिए यहां के लोग तरस रहे हैं. विदित हो कि इस सड़क से मैरा, पौरा, पकरैल आदि पंचायत के दर्जनों गांव जुड़ा हुआ है. एक दशक पूर्व सड़क पर मिट्टी भराई का कार्य किया गया था. सड़क की स्थिती को देख कर अनुमान लगाया जाता है, कि सड़क में गड्ढ़ा है या गड्ढ़े में सड़क. ग्रामीणांे के द्वारा सड़क कि जिर्णोद्धार को लेकर जिलाधिकारी, एसडीओ गोगरी व संबंधित अधिकारी को आवेदन दे चुके हैं. फिर भी जनप्रतिनिधि व विभागीय अधिकारी सड़क कि मरम्मत के प्रति दिलचस्पी नहीं दिखा रहंे हंै. नवाद के द्वारा सड़क मरम्मत कार्य किया जाना है. लेवा वासियों ने सड़क की समस्या को लेकर एक बार लोकसभा के चुनाव व पोलियो राउंड का बहिष्कार किया था. ग्रामीणों ने बताया कि सड़क कि मरम्मत कार्य चुनाव के समय में एक मुद्दा बन जाता है. लेकिन चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधि देखने तक भी नहीं आते हैं. गांव के लोग अपने आप को ठगा महसूस करते हैं. ग्रामीण अरविंद सिंह, मंटू साह, उपेंद्र साह, तौहिद आलम, सुभाष सिंह, महेश्वर यादव आदि ने बताया कि जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की उदासीनता के कारण सड़क जर्जर बनी हुई है. अगर निर्माण जल्द नहीं होता है, तो विवश हो कर आंदोलन करना पड़ेगा.