ग्रामीणों ने जन सहयोग से बनायी सड़क
1971 के बाढ़ में ध्वस्त हुई थी सड़कप्रतिनिधि, बेलदौरपचौत पंचायत के भरना गांव के लोगों ने जन सहयोग से पांच दशक से मृत पड़ी सड़क को मोटरेबुल बना दिया. इससे इस सड़क पर आवाजाही प्रारंभ हो गई है. ग्रामीणों के मुताबिक इस सड़क को आवागमन के लायक बनाने में ग्रामीणों ने दिल खोलकर सहयोग किया […]
1971 के बाढ़ में ध्वस्त हुई थी सड़कप्रतिनिधि, बेलदौरपचौत पंचायत के भरना गांव के लोगों ने जन सहयोग से पांच दशक से मृत पड़ी सड़क को मोटरेबुल बना दिया. इससे इस सड़क पर आवाजाही प्रारंभ हो गई है. ग्रामीणों के मुताबिक इस सड़क को आवागमन के लायक बनाने में ग्रामीणों ने दिल खोलकर सहयोग किया व दो किलोमीटर इस लंबी सड़क में मिट्टी भराई कार्य करवा कर इस सड़क को आवाजाही के लायक बना दिया गया. ग्रामीणों के मुताबिक 1971 के बाढ़ में यह सड़क ध्वस्त हुई थी. जिसे कि अभी तक चालू कर पाने में सरकार एवं क्षेत्रीय प्रतिनिधियों ने कोई रुचि नहीं दिखाई. इससे यह सड़क उपेक्षित हो गया था व इस पर आवाजाही नगण्य हो गयी थी. इस सड़क को चालू करने के लिए ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट करवाया, लेकिन कोई ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. इससे नाराज होकर ग्रामीणों ने इस सड़क को काम चलाउ सड़क में परिणत करने के लिए सरपंच मणिकांत शर्मा, उपसरंच गजेंद्र यादव, ग्रामीण अनिरुद्ध साह के अगुवाई में एक बैठक किया. इसमें इस सड़क को कामचलाऊ सड़क बनाने के लिए लोगों से सहयोग की अपील की. इसका असर लोगों पर अच्छा पड़ा एवं वे स्वेच्छा से इस सड़क के निर्माण के लिए धन संग्रह करने में अपनी दिलचस्पी दिखाई. जिससे इस सडक का निर्माण कार्य शुरू हुआ. जानकारी के मुताबिक भरना गांव के छींटा टोल से शिव मंदिर तक लगभग दो किलो मीटर सड़क में बने गड्ढे को भर दिया गया है. इससे बरसात में इस सड़क पर आवाजाही होने में लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी.