जीसीसी योजनाओं के क्रियान्वयन में बैंकों की दिलचस्पी नहीं
प्रतिनिधि, खगडि़याआम लोगों को महाजनों के चंगुल से बचाने के लिए बनी जेनरल क्रेडिट कार्ड देने की योजना खटाई में पड़ी हुई है. बैंक इन योजनाओं के क्रियान्वयन में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हंै. इससे मध्यम एवं निम्न वर्ग के लोग दिनों दिन महाजनों से ऊंचे ब्याज दर पर कर्ज लेकर कंगाल होते जा रहे […]
प्रतिनिधि, खगडि़याआम लोगों को महाजनों के चंगुल से बचाने के लिए बनी जेनरल क्रेडिट कार्ड देने की योजना खटाई में पड़ी हुई है. बैंक इन योजनाओं के क्रियान्वयन में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हंै. इससे मध्यम एवं निम्न वर्ग के लोग दिनों दिन महाजनों से ऊंचे ब्याज दर पर कर्ज लेकर कंगाल होते जा रहे हैं. सरकार ने आम लोगों को महाजनों के चंगुल से बचाने के लिए सभी बैंकों को जरूरतमंद लोगों को इस योजना के तहत लाभान्वित करने का निर्देश दिया. लेकिन बैंक इसे लागू करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. इससे महाजनों के पौ बारह हैं एवं उनके सूदखोरी का धंधा फल फूल रहा है. महाजन जरूरतमंद ऐसे लोगों को 60 से 72 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध करा कर अपनी आर्थिक प्रगति कर रहे हैं. इस योजना के तहत ऋण का कोई कारण बताये बगैर जरूरतमंद लोगों को यह ऋण देना है. पहले बैंक से कर्ज लेने के लिए लोगों को कर्ज का उद्देश्य बताना पड़ता था, लेकिन इस योजना के तहत बिना कारण बताये ही 25 हजार रुपये तक का जेनरल क्रेडिट कार्ड के तहत ऋण देने का प्रावधान है. इस ऋण के लिए लाभुकों को कोई दस्तावेज भी बैंक को देने की जरूरत नहीं है.