मध्याह्न् भोजन योजना की होगी कड़ी निगरानी

खगड़िया: सभी बच्चों का विद्यालयों में शत-प्रतिशत नामांकन करा कर उन्हें कुपोषण मुक्त बनाने के लिए लागू मध्याह्न् भोजन योजना में अब गड़बड़ी करने वालों की खैर नहीं. डीएम राजीव रोशन ने एमडीएम में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए विभिन्न विद्यालयों में निगरानी के लिए टीम का गठन कर दिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2015 12:36 AM
खगड़िया: सभी बच्चों का विद्यालयों में शत-प्रतिशत नामांकन करा कर उन्हें कुपोषण मुक्त बनाने के लिए लागू मध्याह्न् भोजन योजना में अब गड़बड़ी करने वालों की खैर नहीं. डीएम राजीव रोशन ने एमडीएम में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए विभिन्न विद्यालयों में निगरानी के लिए टीम का गठन कर दिया है.
तसवीर वेबसाइट पर होगी अपलोड. गुणवत्तापूर्ण भोजन सहित साफ सफाई पर विशेष जोर देते हुए डीएम श्री रोशन ने इस योजना से जुड़े सभी कर्मी, प्रखंड साधन सेवी, जिला साधन सेवी, जिला समन्वयक, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आदि को एमडीएम की विशेष निगरानी का निर्देश दिया है.

जिले के सभी विद्यालयों के अभियान अवधि के दौरान टैबलेट आधारित निरीक्षण प्रणाली लागू कर दी गयी है. इसके तहत होने वाले निरीक्षण के दौरान रसोई घर, भंडारगृह, स्टोरेजबीन, स्टील ट्रंक, बरतन, थाली, ग्लास, मेनू, पेयजल व्यवस्था, शौचालय, चहारदीवारी आदि का टैबलेट से तसवीर खींच कर निर्धारित एमआइएस वेबसाइट पर अपलोड किया जाना है. इसके लिए खगड़िया प्रखंड में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, एमडीएम प्रभारी, प्रखंड साधन सेवी को निगरानी में लगाया गया है. गोगरी प्रखंड में जिला साधन सेवी एवं प्रखंड साधन सेवी के अलावा सभी प्रखंड में कार्यरत साधनसेवी द्वारा एमडीएम का सतत निरीक्षण किया जायेगा. साथ ही निरीक्षणकर्ता को विद्यालय में बन रहे भोजन का खुद चख कर उसकी तसवीर वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है.

किचन शेड की राशि पचाने वाले प्रधान पर होगी प्राथमिकी. विभिन्न विद्यालयों में किचन शेड निर्माण की राशि उठाव के बाद भी निर्माण नहीं करने वाले प्रधान शिक्षकों पर प्राथमिकी के आदेश दिये जा चुके हैं. इसकी जद में विभिन्न प्रखंडों के 11 स्कूलों के प्रधान शिक्षक आये हैं. इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापक द्वारा किचन शेड निर्माण मद की राशि निकासी कर कार्य पूर्ण नहीं किया गया है. इनको विभाग द्वारा पत्र भेजने के बाद भी कोई असर नहीं पड़ा. इसके अलावा छह स्कूलों के संबंधित शिक्षक से राशि वसूली का भी आदेश निर्गत किया जा चुका है.

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