आयरन युक्त पानी पीने को विवश है प्रखंडवासी
आयरन युक्त पानी पीने को विवश है प्रखंडवासी फोटो 22 मेंकैप्सन: पीएचइडी के पंप हाउस का दृश्यमानसी . प्रखंड के चकहुसैनी एवं खुटिया पंचायत के कई इलाके में पीएचइडी विभाग द्वारा जलापूर्ति सेवा उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके पाइप से गंदा पानी निकल रहा है. जिससे इलाके के लोगों को स्वच्छ पानी की किल्लत […]
आयरन युक्त पानी पीने को विवश है प्रखंडवासी फोटो 22 मेंकैप्सन: पीएचइडी के पंप हाउस का दृश्यमानसी . प्रखंड के चकहुसैनी एवं खुटिया पंचायत के कई इलाके में पीएचइडी विभाग द्वारा जलापूर्ति सेवा उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके पाइप से गंदा पानी निकल रहा है. जिससे इलाके के लोगों को स्वच्छ पानी की किल्लत महसूस हो रही है. वर्ष 1981-82 में सुविधा के लिए जलापूर्ति सेवा शुरू किया गया था. यह जलापूर्ति सेवा से लोगों को साफ पानी मिलता था. जिससे लोग खाना बनाने , कपड़ा धोने एवं पीने को उपयोग करते थे. कुछ वर्षों से पानी के लिए गंदा पानी का सप्लाई किया जा रहा है. जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरपंच संघ के प्रखंड अध्यक्ष मुकेश कुमार यादव ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से जलपर्ति गड़बड़ा गया है. नल से गंदा पानी निकलता है. यहां उपभोक्ताओं की संख्या लगभग दो सौ पचास के करीब है. ये सभी उपभोक्ताओं को सही से जलापूर्ति सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. व्यवसायी वकील साह ने कहा कि पीएचइडी के जलापूर्ति के पाइप नाला के बगल से रहने के कारण पीने में बदबू भी आने लगा है. ऐसा लगता है कि पाइप में लिकेंज रहने के कारण नाला का पानी भी मिल रहा है. वहीं विनोद साह ने कहा कि यहां वर्षों पूर्व पाइप को साफ कराया गया . वह भी जैसे तैसे साफ करके पैसा का निकासी कर लिया . तब से अभी तक पाइप का साफ सफाई भी नहीं हुआ है. जिस कारण पानी में पीलापन ज्यादा रहता है. मुकेश कुमार बजरंगी ने कहा कि वर्षों से बिजली मोटर के सहारे हरी क्षेत्र में जलापूर्ति की जा रही है. लाइन कहने पर पानी की आपूर्ति की ठप हो जाती है. इसलिए यहां मीनार की आवश्यकता है. अभी सप्लाई का पानी काफी गंदा मिल रहा है. जिस कारण यहा अनउपयोगी साबित हो रहा है. दवा व्यवसायी तारकेश्वर प्रसाद ने कहा कि पानी का सप्लाई धीमा मिल रहा है. पानी जब चलता है तो कुछ देर तक गंदा पानी ही नल से निकलता है. इसकी शिकायत के लिए जब भी स्थानीय कार्यालय जाते है तो ऑपरेटर के शिवा कोई अधिकारी रहता ही नहीं है. वहीं मुकेश कु मार पप्पू, श्याम नंदन साह, किसान महेंद्र सिंह ने कहा कि समस्या समाधान के प्रति विभागीय अधिकारी के साथ साथ जनप्रतिनिधि भी उदासीन नजर आ रहे है.