बेखौफ क्लिनिक चला रहे ग्रामीण चिकत्सिक

बेखौफ क्लिनिक चला रहे ग्रामीण चिकित्सक ग्रामीण चिकित्सक पर नहीं है कोई नकेलमरीजो के इलाज के नाम पर हो रहा मजाकबीते दिन गोगरी में झोला छाप चिकित्सक के चक्कर में एक बच्चे की हुई मौतप्रतिनिधि, गोगरी अनुमंडल क्षेत्र में विभागीय उदासीनता व प्रशासनिक अधिकारियों की शिथिलता के कारण झोलाछाप चिकित्सक का व्यापार फल फूल रहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2015 10:24 PM

बेखौफ क्लिनिक चला रहे ग्रामीण चिकित्सक ग्रामीण चिकित्सक पर नहीं है कोई नकेलमरीजो के इलाज के नाम पर हो रहा मजाकबीते दिन गोगरी में झोला छाप चिकित्सक के चक्कर में एक बच्चे की हुई मौतप्रतिनिधि, गोगरी अनुमंडल क्षेत्र में विभागीय उदासीनता व प्रशासनिक अधिकारियों की शिथिलता के कारण झोलाछाप चिकित्सक का व्यापार फल फूल रहा है. लोगों के जान माल की परवाह किये बिना बेखौफ लोगों का इलाज कर मालामाल हो रहे हैं. साथ ही लगातार लोगों के जीवन से खिलवाड़ करते आ रहे हैं. क्षेत्र में झोलाछाप चिकित्सक बेधड़क लोगों के इलाज के नाम पर न सिर्फ उनका शोषण कर रहे हैं. बल्कि उनकी जिन्दगी के साथ भी मजाक करते है.ं जिस चक्कड़ में लोगों की जान भी चली जाती है. जिसका उदहरण बीते दो सप्ताह पूर्व गोगरी में अपने आप को चिकित्सक बता झोलाछाप चिकित्सक द्वारा चलाए जा रहे क्लिनिक में एक बच्चे की मौत होना है. जिसे लेकर मृतक बच्चे के परिजन द्वारा स्थानीय थाना में एक प्राथमिकी भी दर्ज करायी गई. उसके बाद से उक्त झोलाछाप चिकित्सक फरार है. पुलिस उसके क्लिनिक को सील कर उसकी तलाश अब भी कर रही है. सूत्रों की माने तो क्षेत्र में सैकड़ों की संख्यां में झोलाछाप चिकित्सक है. जो चिकित्सक का बोर्ड लगा क्लिनिक चला रहे हैं. ये चिकित्सक सिर्फ छोटे मोटे रोगों का इलाज ही नहीं कर रहे बल्कि सर्जरी तक करने से नहीं चूकते है. खास कर ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति और खराब है. जो इन्हें डाक्टर साहब मान कर हर प्रकार के इलाज कराते हंै ओर ये झोलाछाप चिकित्सक उनका खूब दोहन करते है इतना ही नहीं ये झोलाछाप चिकित्सक दवा भी अपने पास से ही मरीजों को देते हैं. जिसकी न तो गुणवत्ता की गारंटी होती है. वहीं अधिक कीमत भी वसूली जाती है. आम लोगांे के अनुसार सुलभता व सरलता के कारण लोग इनके चक्कर में फंस जाते और शोषण के शिकार होते हैं जिस पर नकेल कसा जाना आवश्यक है.क्या कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारीइधर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकीरी डाॅ अरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि झोलाछाप चिकित्सक के विरुद्ध समय समय पर कार्रवाई होती है. आम लोग ही इसे बढावा देते हैं. अगर लोग इलाज अस्पताल में ही आकर कराएं तो इस पर रोक लगेगी तथा इसकी शिकायत करें तो कार्रवाई भी होगी.

Next Article

Exit mobile version