अधूरा स्टेडियम बना नशेरियों का अड्डा
अधूरा स्टेडियम बना नशेरियों का अड्डा परबत्ता. प्रखंड मुख्यालय स्थित उच्च विद्यालय के मैदान में विगत आठ वर्षों से निर्माणाधीन स्टेडियम अपनी बदहाली पर आठ आठ आंसू बहा रहा है. जिले के सभी प्रखंडों में कम से कम एक स्टेडियम बनाने के नाम पर अब इसकी शुरूआत हुई थी . तो लोगों में यह आस […]
अधूरा स्टेडियम बना नशेरियों का अड्डा परबत्ता. प्रखंड मुख्यालय स्थित उच्च विद्यालय के मैदान में विगत आठ वर्षों से निर्माणाधीन स्टेडियम अपनी बदहाली पर आठ आठ आंसू बहा रहा है. जिले के सभी प्रखंडों में कम से कम एक स्टेडियम बनाने के नाम पर अब इसकी शुरूआत हुई थी . तो लोगों में यह आस जगी थी कि प्रखंड मुख्यालय में न केवल खेल व युवा गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगी . बल्कि इसके साथ साथ छोटे मोटे राजनीतिक सामाजिक तथा धार्मिक आयोजनों के लिये एक सुरक्षित स्थान भी तैयार रहेगा. लेकिन अभिकर्ता व निर्माण के लिये चयनित विभाग ने स्टेडियम के नाम पर चहारदीवारी व अधूरा भवन बना कर इसे छोड़ देने से यह आस टूट गया . सबसे पहले इस अधूरे बने भवन का उपयोग नशेरियों ने करना शुरू कर दिया. आज कल इस अधूरे बने भवन का उपयोग राजनीतिक गतिविधियों तथा पशुपालन के लिये किया जाता है. इस योजना का शिलापट गायब कर दिये जानें के कारण अब यह बताना भी कठिन है कि यह किस विभाग तथा किस अभिकर्ता के द्वारा बनाया जा रहा था. विद्यालय के प्रभारी प्रधान मनोज कुमार ने बताया कि स्टेडियम निर्माण के समय उस संस्था के हितों की अनदेखी की गयी . जिसके जमीन पर इसे बनाया जा रहा था . स्टेडियम की चहारदीवारी बनाते समय चारों तरफ काफी जमीन छोड़ दिया गया .जिससे यह अतिक्रमिक होने के लिये खुला रह गया. वहीं फाटक नहीं लगाने से मैदान भी चारागाह बन कर रह गया है. बहरहाल इस मैदान ,पर शारीरिक अभ्यास कर दर्जनों युवाओं ने सेना, पुलिस आदि ,में नौकरी प्राप्त कर अपना तथा इलाके का सम्मान बढ़ाया किंतु इस मैदान का सम्मान बढ़ाने वाले की अब भी तलाश है.