दवा के बदले दुआ का ही सहारा हाल अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र काफोटो 15 मेंकैप्सन: अस्पताल का दृश्यप्रतिनिधि, अलौलीप्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अलौली में मरीजों का दवा के बदले दुआ से इलाज किया जा रहा है. पीएचसी में तीन माह से आवश्यक दवा उपलब्ध नहीं है. पूर्व में पीएचसी को 6 बेड के अस्पताल का दरजा मिला था. 2010 में 15 बेड का अस्पताल भवन बनाया गया. बाद में मरीजों की आवश्यकता को देख स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा 30 बेड का अस्पताल बनाने का आदेश दिया गया. वह तो अधर में लटका हुआ है ही, लेकिन पीएचसी में तीन बेड के मरीज का भी इलाज समुचित तरीके से नहीं किया जा रहा है. मरीज को दवा भी नहीं मिल पा रही है. इलाज कर रहे चिकित्सक द्वारा या तो रेफर करने की प्रक्रिया अपनायी जाती है या सांत्वना दी जाती है. पीएचसी में सात चिकित्सक हैं, लेकिन आयुष चिकित्सक के भरोसे मरीजों का इलाज किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवा की कमी को दूर करने के लिए एक लाख रुपये दिये गये थे, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण आज तक उक्त राशि से दवा की खरीदारी नहीं हो पायी है. इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आरएन चौधरी ने बताया कि विभाग से जो उपलब्ध होता है, उसी में तो काम चलाना होता है. व्यवस्था की जांच के लिए बीएचएम यहां कार्यरत हैं.
दवा के बदले दुआ का ही सहारा
दवा के बदले दुआ का ही सहारा हाल अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र काफोटो 15 मेंकैप्सन: अस्पताल का दृश्यप्रतिनिधि, अलौलीप्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अलौली में मरीजों का दवा के बदले दुआ से इलाज किया जा रहा है. पीएचसी में तीन माह से आवश्यक दवा उपलब्ध नहीं है. पूर्व में पीएचसी को 6 बेड के अस्पताल का दरजा […]
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