आइओडब्लू कार्यालय के सामने चल रहा अवैध ऑटो स्टैंड
खगड़िया : आईओडब्लू कार्यालय के सामने अवैध ऑटो स्टैंड के संचालन से रेल प्रशासन कटघरे में है. खगड़िया रेलवे स्टेशन से पश्चिम भगत टोला गांव के समीप रेलवे की खाली जमीन पर महीनों से खुलेआम अवैध ऑटो स्टैंड का संचालन किया जा रहा है. इधर, आंखों के सामने हो रहे इस अवैध काम को रोकने […]
खगड़िया : आईओडब्लू कार्यालय के सामने अवैध ऑटो स्टैंड के संचालन से रेल प्रशासन कटघरे में है. खगड़िया रेलवे स्टेशन से पश्चिम भगत टोला गांव के समीप रेलवे की खाली जमीन पर महीनों से खुलेआम अवैध ऑटो स्टैंड का संचालन किया जा रहा है.
इधर, आंखों के सामने हो रहे इस अवैध काम को रोकने की बजाय रेल प्रशासन के आंखें मूंद लेने से रेलवे की कार्यशैली की पोल खुल रही है. सूत्रों की मानें तो अवैध वसूली के रहमोकरम पर अवैध ऑटो स्टैंड संचालन हो रहा है. इसके एवज में पेश नजराने के कारण अब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
हालांकि रेलवे व आरपीएफ के अधिकारी अवैध ऑटो स्टैंड के एवज में किसी भी प्रकार की अवैध वसूली से इंकार कर रहे हैं. पर, पश्चिमी ढाला के समीप रेलवे की खाली जमीन पर अतिक्रमण को देख कर दाल में कुछ काला होने से इंकार नहीं किया जा सकता है. इधर, आइओडब्लू ने कहा कि वे इस बारे में कुछ नहीं बोल सकते.
100 से अधिक ऑटो का रोज हो रहा परिचालन करीब 25 मीटर की दूरी पर स्थित आइओडब्लू कार्यालय के रहते संचालित अवैध ऑटो स्टैंड से रोजाना 100 से 150 ऑटो खुलते हैं. इतना ही नहीं अवैध ऑटो स्टैंड से करीब 50 मीटर की दूरी पर रेलवे सुरक्षा बल के प्रभारी निरीक्षक का आवास भी स्थित है.
साथ ही जीआरपी थानाध्यक्ष भी यहीं पास में रहते हैं. इतने अधिकारियाें के आंखाें के सामने हो रहे इस कारनामे से सवाल उठना लाजिमी है. भगत टोला गांव के समीप रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर अवैध स्टैंड से विभिन्न गांवों के लिये ऑटो खुलती है. यहां से बछौता, चातर, घुरनमोड़, इचरुआ, कामाथन, अलौली आदि जगहों के लिये ऑटो का परिचालन होता है.
इधर, पूरे मामले में रेल अधिकारियों की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है. इतना ही नहीं ऑटो में निर्धारित किराया से अधिक भाड़ा वसूली से यात्री परेशान हैं. वहीं क्षमता से अधिक सवारी बैठा कर हो रहे ऑटो परिचालन से दुर्घटना की आशंका भी हर वक्त बनी रहती है. अगर ऐसी बात है तो रेलवे स्टेशन के एसएस या फिर आइओडब्लू मेमो दें,
अगले दो घंटे के अंदर रेलवे की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवा लिया जायेगा. सच्चाई यह है कि कई बार पत्र भेजने के बाद भी स्थानीय रेलवे प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा. लालजी भारती, सीनियर कमांडेंट, आरपीएफ, सोनपुर मंडल रेलवे की जमीन खाली करवाने के लिए कई बार आरपीएफ को मेमो दिया गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी. अभी दस दिन पहले भी मेमो दिया गया, फिर भी स्थिति जस की तस है. प्रवीण कुमार, स्टेशन अधीक्षक, खगड़िया