आत्मा को परमात्मा में लीन की सुख गुरू से मिलती है

आत्मा को परमात्मा में लीन की सुख गुरू से मिलती है फोटो है 13 मेंकैप्सन- सत्संग में उपस्थित सत्संग प्रेमी चौथम. सद गुरु की कृपा से अंतर्मुखी साधना कर मानव बुराईयों से दूर हो सकता है. गुरु हमें सद मार्ग पर चलने की सीख देता है. उक्त आध्यात्मिक चेतना संदेश अंतराष्ट्रीय इस्सयोग समाज के धर्म […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2015 10:15 PM

आत्मा को परमात्मा में लीन की सुख गुरू से मिलती है फोटो है 13 मेंकैप्सन- सत्संग में उपस्थित सत्संग प्रेमी चौथम. सद गुरु की कृपा से अंतर्मुखी साधना कर मानव बुराईयों से दूर हो सकता है. गुरु हमें सद मार्ग पर चलने की सीख देता है. उक्त आध्यात्मिक चेतना संदेश अंतराष्ट्रीय इस्सयोग समाज के धर्म गुरु ब्रह्मलीन महात्मा कुमार के शिष्य वाल्मिकी प्रसाद ने प्रखंड के ठेरवा में आयोजित एक दिवसीय सत्संग के दौरान दिया. गांव में मांगन साव के आवास पर आयोजित सत्संग में सैकड़ों साधक साधिकाओं ने जीवन दर्शन की सीख ली. धर्म गुरु शिष्य डॉ पवन ने कहा कि जीवन मृत्यु, पाप पुण्य ये सांसारिक प्रभु की सांसारिक व्यवस्था है. परमात्मा अंश तो जीवन में निहित होता है. मौके पर श्रोता साधकों ने जीव एवं परमात्मा के अंदर से जुड़े कई सवाल उठाये. जिन सवालों को आध्यात्मिक तर्क से साधकों को जीवन दर्शन देकर संतुष्ट किया. सत्संग कार्यक्रम में राम बाबू ने महिला एवं पुरुष साधकों को पारिवारिक जीवन कैसे सुखमय हो सकता है का जीवन दर्शन दिया.

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