कोसी कटाव के कारण व्रतियों को हो रही है परेशानी
कोसी कटाव के कारण व्रतियों को हो रही है परेशानी फोटो है 27 व 28 मेंकैप्सन- उसराहा घाट तक आने मे छुट रहे लोगो के पसीने व गंगा स्नान कर लोट रही उसराहा घाट समीप छठ व्रतियों की भीड़.प्रतिनिधि, बेलदौर हो भगवान गंगा स्नान बड़ा महंगा पड़ गेले ए भैया पैसे ले लो लेकिन इ […]
कोसी कटाव के कारण व्रतियों को हो रही है परेशानी फोटो है 27 व 28 मेंकैप्सन- उसराहा घाट तक आने मे छुट रहे लोगो के पसीने व गंगा स्नान कर लोट रही उसराहा घाट समीप छठ व्रतियों की भीड़.प्रतिनिधि, बेलदौर हो भगवान गंगा स्नान बड़ा महंगा पड़ गेले ए भैया पैसे ले लो लेकिन इ दलदल से बाईक को निकाल दो अब नदी पार करना बड़ा कठिन हो गया. उक्त बातें नाव से उतर कर समस्याओं से जूझ रहे जैसे तैसे उसराहा घाट की ओर बढ़ रहे बाइक सवार व गंगा स्नान से लौट रही छठ व्रती व इनके परिजन के जुवान पर थी. उल्लेखनीय है कि बीते दो दिनो से डुमरी व उसराहा घाट के बीच हो रहे तेज कोसी कटाव से अस्थायी रुप से बने घाट व उसराहा के बीच बने संपर्क पथ धरासायी हो रहे हैं. लगातार कटाव की चपेट में आकर घाट के बड़ बड़े धसान कटकर नदी में समा रही है. नदी में हुए अत्यधिक मिट्टी आच्छादन से नदी की धारा कई भागों में बिभक्त हो गयी. जलस्तर में हुई भारी गिरावट के बाद भी नदी की बनी संकरी धारा आरी की तरह नदी के किनारे को काट रही है . नदी के यु टर्न के कारण घंटे भर में ही घाट बदल रहे हैं और लोगों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है. शुक्रवार की देर शाम तक गंगा स्नान कर लौट रही छठ व्रती व इनके परिजनों की उमड़ी रही. नाव से उतरकर संकटो से जुझते लोगों को दलदली पानी से होकर गुजरना पड़ता है. जिसके कारण उक्त पथ पर अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है. अनहोनी से सशंकित लोग कोसी नदी पार करने के बाद भी डर के साये में घाट से उसराहा तक का सफर पुरा करने को विवश हैं. भारी समानो व बच्चो को गोद में उठाये लोग अब इन संकटो की पीड़ा से झल्लाते हुए सरकार व अधिकारी को कोसते हुए आवागमन कर रहे है . बाईक सवार तो नाविको को आरजु बिनती कर दलदल से गाड़ी निकालने को लेकर 5-10 रुपये भी दे रहे थे. नदी के बदले इस मिजाज से उत्पन्न हुई बिकट संकट से लोगों को हो रही परेशानी का अंदाजा नही लगाया जा सकता है . बावजूद अंचल व जिला प्रशासन चुप्पी साधे हुए है. इसका अंदाजा शुक्रवार को परेशानियो से सिसकिया भड़ रहे लोगों को देख सहज लगाया जा सकता है. इन समस्याओ से जूझ लोग दोबारा इस ओर आने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं.