रेल दुर्घटना के लिए हम भी कम दोषी नहीं

रेल दुर्घटना के लिए हम भी कम दोषी नहीं फोटो. 2,3,4,5 कैप्सन. खगड़िया रेलवे स्टेशन: रेल लाइन पर ट्रेन का इंतजार करते रेल यात्री, इंजन पर यात्रा करते लोग, पायदान पर लटके रेल यात्री.लगातार हो रही दुर्घटना के बाद भी नहीं जाग रहे लोग, रेल-लाइन पर हो रहा ट्रेन का इंतजार———–पटरी पर दुकान, रेलवे लाइन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2015 10:25 PM

रेल दुर्घटना के लिए हम भी कम दोषी नहीं फोटो. 2,3,4,5 कैप्सन. खगड़िया रेलवे स्टेशन: रेल लाइन पर ट्रेन का इंतजार करते रेल यात्री, इंजन पर यात्रा करते लोग, पायदान पर लटके रेल यात्री.लगातार हो रही दुर्घटना के बाद भी नहीं जाग रहे लोग, रेल-लाइन पर हो रहा ट्रेन का इंतजार———–पटरी पर दुकान, रेलवे लाइन पर ट्रेन का इंतजार करते हैं यात्री, टूट रहे रेल के कई कानूनखगड़िया सहित विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर अतिक्रमण से बढ़ रही समस्या ट्रेन से गिर कर कई मौत के बाद भी इंजन पर यात्रा करने से बाज नहीं आ रहे रेल-यात्रीमानसी सहरसा रेलखंड पर रोज टूट रहे रेलवे के कानून से हादसे की आशंका प्रचार-प्रसार से लेकर तमाम कवायद के बीच सुधरने का नाम नहीं ले रहे रेल-यात्री रेलवे ने कहा, घटना रोकने के लिए लोगों को रेल के नियम का करना होगा पालन रेल में होने वाली दुर्घटना को रोकने के लिये रेलवे पूरी तरह मुस्तैद है, लेकिन लोगों को भी जागरूक होना होगा. इसके लिए रेलवे विभिन्न माध्यमों से प्रचार प्रसार भी कर रहा है, लेकिन लापरवाह लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. रेल दुर्घटना को रोकने के लिए आम लोगों को आगे आना होगा. रेलवे के कानून का पालन करना होगा. इससे काफी हद तक समस्याओं का समाधान हो सकता है. – एके रजक, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेल, हाजीपुर.———————–प्रतिनिधि, खगड़ियामंगलवार की सुबह ट्रेन व बाइक की टक्कर में बच्चे की मौत के बाद भी लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. बार बार हो रही दुर्घटनाओं से बेफिक्र होकर बुधवार को भी रेलवे लाइन पर खड़े होकर ट्रेन के इंतजार का सिलसिला जारी रहा. ट्रेन के पायदान से लेकर इंजन तक यात्रा करना लोग शान की बात समझ रहे हैं. नतीजतन दुर्घटना में जान जा रही है. हो-हंगामा व पंचनामा के बीच लोग फिर से वहीं गलती दोहराने में लग जा रहे हैं. घटना के बाद भी सबक नहीं ले रहे लोग हादसा दर हादसा के बाद हो हंगामा होता है. बहुत वायदे में से कुछ पूरे भी होते हैं, लेकिन उस वक्त दूसरे को कोसने वाले लोग खुद वही गलती दोहराने में लग जाते हैं. सब जानते हैं कि ढाला गिरे होने के बाद पार करना खतरनाक है, लेकिन फिर भी बाइक झुका कर पार करते लोगों को आसानी से देखा जा सकता है. रेलवे करे भी तो क्या, लोग हैं कि जागने का नाम नहीं ले रहे हैं. मंगलवार की घटना में भले ग्रामीण ढाला खुला रहने व रेल प्रशासन बंद रहने के दावे का रहा हो, लेकिन हादसे में एक मासूम की जान चली गयी. प्रियांशू ने अभी ठीक से दुनिया भी नहीं देखी थी. एक बच्ची मौत से जूझ रही है. —————–खगड़िया स्टेशन का सच खौफनाक घटना के दूसरे दिन खगड़िया रेलवे स्टेशन पर फिर लोग वही गलती दोहराते नजर आये, जिसके कारण हादसे होते हैं. पटरी पर ट्रेन का इंतजार करते महिला-पुरुष व बच्चे, पायदान पर लटके लोग, इंजन पर सफर करते बच्चे व महिला सहित कई ऐसी बातें हैं जो घटना से सबक नहीं लेने की ओर इशारा कर रही है. खगड़िया रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल व रेल अधिकारी के आंखों के सामने का सच हादसे के लिए काफी है. यहां लोग घटना के बाद भी नहीं जाग रहे हैं. स्थानीय रेल प्रशासन भी इन मामलों में उदासीन है. —————ट्रेन के इंजन पर हो रहा सफर इधर, मानसी सहरसा रेलखंड की तो बात ही निराली है. सहरसा-मानसी-समस्तीपुर रेलखंड पर आज भी ट्रेन के इंजन पर लोग सफर करते हैं. ट्रेन से गिर कर लोग मरते हैं, लेकिन फिर भी इंजन पर सफर का सिलसिला रूक नहीं रहा. ऐसा नहीं है कि रेलवे सुरक्षा बल सहित रेल अधिकारी की इस पर नजर नहीं पड़ती है लेकिन सच्चाई यही है कि वे लोग नजर फेर लेते हैं. इस रेलखंड पर ट्रेन कब पहुंचेगी यह रेलवे के टीटीइ भी नहीं बता पाते हैं. बस जब पहुंच जाये वही टाइम समझ लीजिये. ——————- अतिक्रमण से बढ़ रही समस्या रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण के कारण भी समस्याएं बढ़ रही है. पटरी पर दुकान से हर पल हादसे की आशंका बनी रहती है, लेकिन ना तो लोग जाग रहे हैं और ना ही रेल प्रशासन जगने का नाम ले रहा है. खगड़िया रेलवे स्टेशन के चारों ओर रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण है. स्थानीय रेल प्रशासन द्वारा कारगर कदम नहीं उठाये जाने से समस्या बढ़ रही है. सन्हौली ढाला पर पटरी पर लगी सैकड़ों दुकान के कारण रोज हादसों की आशंका बनी रहती है. रेलवे के वरीय अधिकारी के पहुंचने के पहले इसे खाली करवा दिया जाता है. अधिकारी के जाने के साथ ही वहीं पुरानी स्थिति बन जाती है.

Next Article

Exit mobile version