दशकों से मृत पड़ा है कोसी प्रोजेक्ट की माली प्रशाखा नहर

दशकों से मृत पड़ा है कोसी प्रोजेक्ट की माली प्रशाखा नहर फोटो है 2 मेंकैप्सन- कोसी प्रोजेक्ट के जर्जर कार्यालय का दृश्य प्रतिनिधि, बेलदौरप्रखंड क्षेत्र के किसानों को सस्ती सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने वाली कोसी नहर के माली प्रशाखा दशकों से मृत पड़ा है. उल्लेखनीय है कि किसानों को सस्ती सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2015 9:19 PM

दशकों से मृत पड़ा है कोसी प्रोजेक्ट की माली प्रशाखा नहर फोटो है 2 मेंकैप्सन- कोसी प्रोजेक्ट के जर्जर कार्यालय का दृश्य प्रतिनिधि, बेलदौरप्रखंड क्षेत्र के किसानों को सस्ती सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने वाली कोसी नहर के माली प्रशाखा दशकों से मृत पड़ा है. उल्लेखनीय है कि किसानों को सस्ती सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 1970 के दशक में माली, विष्णुपुर, कैंजरी एवं इसके आस पास के किसानों को सस्ती सिंचाई सुविधा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा नहर का निर्माण कराया गया था. इसके अलावा नहर से किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने के लिए ग्रामीण केनाल का भी निर्माण कराया गया था. इस प्रोजेक्ट को सूचारु रूप से देखरेख के लिए माली में कोसी प्रोजेक्ट प्रशाखा के कार्यालय एवं इसमें रहने वाले कर्मियों के लिए आवास का भी निर्माण कराया गया. किसानों ने बताया कि शुरुआत में इस नहर से किसानों को सस्ती सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई गयी. इससे किसानों को सिंचाई करने के लिए कुछ दिनों तक राहत मिली थी. लेकिन वर्ष 1987 के बाढ़ में नहरें यत्र तत्र टूट कर तबाह हो गयी. उसी समय से यह प्रोजेक्ट मृत पड़ा हुआ है. प्रोजेक्ट का देखरेख एवं इसे पुर्नजीवित नहीं किए जाने से यह उपेक्षा का शिकार हो गया. वर्तमान समय में इस नहर के एक किनारा को बांध बना दिया गया. इसके साथ ही इस बांध पर पक्की सड़क बना दिया गया. जबकि नहर का दूसरा किनारा अस्तित्व विहीन हो गयी. इसे पुर्नजीवित करने का कोई सार्थक प्रयास नहीं किये जाने से किसानों को इस परियोजना के लाभ से कई दशकों से वंचित होना पड़ रहा है. माली में प्रोजेक्ट के संचालन के लिए बनाये गये कार्यालय एवं इसमें रहने वाले कर्मियों के आवास खंडहर में तब्दील हो गया है. लोगों ने किया जमीन का अतिक्रमणविभागीय स्तर पर उचित देख-रेख नहीं किये जाने के कारण प्रोजेक्ट के अधिकांश जमीन को आस पास के लोगों ने अपने कब्जे में ले लिया. जिस वजह से प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का अधिकांश हिस्सा पर लोगों का अवैध कब्जा बरकरार है.पुर्नजीवित करने का नहीं हो रहा प्रयास इस प्रोजेक्ट को पुर्नजीवित करने का कोई प्रयास अब तक नहीं किये जाने से किसानों में नाराजगी व्याप्त है. बहरहाल किसान इस नहर के मृत हो जाने पर बोरिंग एवं पंपसेट का सहारा लेकर महंगी सिंचाई कर अपने खेतों में फसल उगाने को मजबूर हो रहे हैं. यह प्रोजेक्ट कब तक पुर्नजीवित हो पाएगा इसका ठोस जवाब विभागीय अधिकारियों के पास नहीं है.कहते हैं अधिकारी कोसी प्रोजेक्ट मुरलीगंज मधेपुरा के एसडीई विंध्याचल प्रसाद ने बताया कि एनएच 107 बनाने के क्रम में कोसी नहर को माली चौक के समीप पूर्ण रुपेण ब्लॉक कर दिया गया था. इस जगह पर स्टैक्चर के निर्माण के लिए विभाग से अनुमति मिलने के बाद ही नहर का जीर्णोद्धार कार्य संभव हो सकता है.

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