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अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हुआ बीमार

अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हुआ बीमार फोटो है 1,2,3 व 4 मेंकैप्सन- खराब पड़ा आरओ, चिकित्सक के इंतजार में मरीज, पीएचसी प्रभारी डॉ आरएन चौधरी, खराब पड़ा पानी का नल प्रतिनिधि, अलौली. स्थानीय पीएचसी में मरीजों की सुविधाओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. इलाज के नाम पर रेफर की परंपरा बनी हुई है. चिकित्सक […]

अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हुआ बीमार फोटो है 1,2,3 व 4 मेंकैप्सन- खराब पड़ा आरओ, चिकित्सक के इंतजार में मरीज, पीएचसी प्रभारी डॉ आरएन चौधरी, खराब पड़ा पानी का नल प्रतिनिधि, अलौली. स्थानीय पीएचसी में मरीजों की सुविधाओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. इलाज के नाम पर रेफर की परंपरा बनी हुई है. चिकित्सक सुविधानुसार पीएचसी पहुंचते हैं. कर्मी अधिकारी के आदेश को नहीं मानते हैं. मरीजों की सुविधाओं के लिए की गयी आउट सोर्सिंग की व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं है. इलाज कराने वाले मरीजों को पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है. महीनों से पीएचसी का आरओ खराब है. नल का टोटी गायब है. लेकिन स्वास्थ्य प्रशासन कुछ भी करने में असमर्थ दिख रहा है. जबकि सरकार का प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च हो रहा है. गायब रहते हैं चिकित्सक पीएचसी में पदस्थापित चिकित्सक प्राय: गायब रहते हैं. यहीं कारण है कि सिविल सर्जन के औचक निरीक्षण के दौरान पीएचसी में पदस्थापित तीन चिकित्सक गायब मिले. इसके कारण सीएस ने वेतन काटने का आदेश दिया. दवा का अभाव पीएचसी में मरीजों के लिए आवश्यक दवाएं उपलब्ध नहीं है. मरीज को आवश्यक दवाएं भी बाजार से खरीदना पड़ रहा है. हालांकि चिकित्सक परची पर बाहर की दवा लिख कर दे रहे हैं. मरीज ने बताया कि किसी प्रकार की बीमारी या छोटी-मोटी घटना के बाद मरीज को दवा की व्यवस्था स्वयं करनी पड़ती है. नहीं है जांच की व्यवस्था पीएचसी में जांच की व्यवस्था नहीं है. मरीज को जांच के लिए भी बाजार पर निर्भर रहना पड़ता है. पीएचसी में तीन एलटी प्रतिनियुक्त हैं. जांच की दवा केमिकल भी उपलब्ध है. लेकिन जांच का लाभ लोगों को नहीं मिल रही है. दो वर्ष पूर्व एक्स-रे मशीन भी बंद कर दिया गया है. जबकि पूर्व सांसद द्वारा एक्स रे मशीन पीएचसी को दिया गया था. पीएचसी में टेलीमेडिसिन द्वारा महंगे दर पर जांच की जाती है. पीने योग्य पानी का अभाव पीएचसी में पानी पीने की व्यवस्था माकूल नहीं है. मरीज को पानी के लिए भी इधर उधर भटकना पड़ रहा है. बताया जाता है कि प्रभारी कार्यालय के पास आरओ सिस्टम से शुद्ध पानी पीने के लिए व्यवस्था की गयी थी. लेकिन आरओ सिस्टम लगने के साथ ही खराब हो गया. अधिकारी भी जांच के दौरान ठीक करने का आदेश दिया. लेकिन आदेश रद्दी की टोकरी में रह गया. एचआइवी कीट का अभाव पीएचसी में सप्ताह में दो दिन परिवार नियोजन शिविर लगाया जाता है. लेकिन साधारण जांच व एचआइवी कीट के अभाव में जांच नहीं की जाती है. महिलाओं को बिना जांच कराये बंध्याकरण ऑपरेशन कराना पड़ता है. अन्यथा बाजार से जांच करा कर ऑपरेशन कराना पड़ता है. पीएचसी में साफ सफाई का अभाव पीएचसी की साफ सफाई के लिए आउट सोर्सिंग के तहत व्यवस्था की गयी है. लेकिन सुविधा नदारत है. मरीजों को मैन्यू अनुसार डाइट तो नहीं ही मिलता है साथ ही पीएचसी को समुचित प्रकाश की व्यवस्था नहीं है. अधिकांश समय पीएचसी के विद्युत आपूर्ति से ही काम लिया जा रहा है. जबकि प्रकाश व्यवस्था के नाम पर आउट सोर्सिंग संचालक को राशि दी जाती है. बीते दो वर्षों से जेनरेटर का लॉग बुक बना ही नहीं है. अधिकारी कर चुके हैं कई बार जांच पीएचसी की कुव्यवस्था को देख कई बार पदाधिकारी द्वारा औचक जांच की गयी है. लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. पूर्व में डीडीसी ,एसडीओ तथा सिविल सर्जन कई बार पीएचसी का औचक निरीक्षण कर चुके हैं. लेकिन कर्मी व चिकित्सक पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. कहते हैं स्वास्थ्य प्रबंधक प्रखंड प्रभारी स्वास्थ्य प्रबंधक चेतन शर्मा ने बताया कि बीते दो वर्षों से स्वास्थ्य प्रबंधक का पद रिक्त है. प्रभार में काम चलता है. यहां की स्थिति अनियंत्रित होने के कारण सुधार करने में कठिनाई हो रही है. प्रभारी को बार बार सुधार की बात कही जा रही है.कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आरएन चौधरी ने बताया कि सबसे ज्यादा आउट सोर्सिंग की व्यवस्था परेशान कर रहा है. सुधार का निर्देश दिया जाता है. लेकिन कोई सुनता नहीं है. डॉक्टर, पारा मेडिकल कर्मी एवं दवा की किल्लत भी परेशान कर रखा है. जल्द ही व्यवस्था में सुधार किया जायेगा.

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