कूड़े-कचरे में भवष्यि तलाशते बच्चे
कूड़े-कचरे में भविष्य तलाशते बच्चे फोटो है 4 मेंकैप्सन – कूड़ा चुनते बच्चे गोगरी. शिक्षा विभाग बच्चों को शिक्षा से जोड़ने एवं शिक्षा में सुधार करने के लाख दावे कर ले. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है. आज भी समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े बच्चें स्कूल की जगह कूड़े – कचरे […]
कूड़े-कचरे में भविष्य तलाशते बच्चे फोटो है 4 मेंकैप्सन – कूड़ा चुनते बच्चे गोगरी. शिक्षा विभाग बच्चों को शिक्षा से जोड़ने एवं शिक्षा में सुधार करने के लाख दावे कर ले. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है. आज भी समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े बच्चें स्कूल की जगह कूड़े – कचरे में ही अपने भविष्य को तलाशने के लिए विवश है. ऐसे बच्चे शिक्षा का मतलब तक नहीं जानते. सुबह-सुबह स्कूल जाने के बजाय ये बच्चे कूड़े-कचरे को जमा कर पेट भरने की जुगार में लग जाते हैं. जरूरत है ऐसे बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने की. कचड़े के बीच भविष्य ढूंढ़ रहे डोमना कुमार, पुतुलिया एवं कारू कुमार ने बताया कि सुबह उठते ही कूड़ा कचरा जमा करने पहुंच जाते हैं. ये बच्चे कूड़ा कचरा को चुन कर शाम में कवारीखाना में बेच कर पेट की आग बुझाते हैं. कहते हैं एसडीओ एसडीओ संतोष कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय से बाहर के बच्चों को पढ़ाने के लिए कई योजनाएं चल रही है. आवश्यकता है उक्त बच्चे को प्रोत्साहित कर विद्यालय पहुंचाने की.