उपभोक्ताओं तक पहुंचने में दम तोड़ रही बिजली

उपभोक्ताओं तक पहुंचने में दम तोड़ रही बिजली प्रतिनिधि, परबत्ता प्रखंड मुख्यालय में विद्युत उपभोक्ता विगत एक वर्ष से लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे हैं. जानकारों ने बताया कि यह समस्या पॉवर सब स्टेशन के स्तर से ही लो वोल्टेज आ रहा है. आलम यह है कि अब बिजली से मोबाइल भी चार्ज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2015 8:24 PM

उपभोक्ताओं तक पहुंचने में दम तोड़ रही बिजली प्रतिनिधि, परबत्ता प्रखंड मुख्यालय में विद्युत उपभोक्ता विगत एक वर्ष से लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे हैं. जानकारों ने बताया कि यह समस्या पॉवर सब स्टेशन के स्तर से ही लो वोल्टेज आ रहा है. आलम यह है कि अब बिजली से मोबाइल भी चार्ज होना मुश्किल हो रहा है. कई गांव के उपभोक्ताओं ने सामूहिक तौर पर निजी वोल्टेज स्टेवलाइजर का उपयोग शुरू कर दिया है. इससे कम वोल्टेज को खींचकर जबरन बढ़ा दिया जाता है. आमतौर पर दिन में सभी गांवों में 90 से 120 के बीच के वोल्ट की विद्युत आपूर्ति की जा रही है. जबकि रात में यह घटकर 50 से 80 वोल्ट तक हो जाता है. भारत में बिजली से चलनेवाले सभी उपकरणों को 220 से 250 वोल्ट बिजली पर चलाने के लिये बनाया जाता है. ऐसी स्थिति में यह काम नहीं करते हैं। आलम यह है कि अब रात में स्टेवलाईजर ने भी काम करना बंद कर दिया है. लोगों का कहना है कि जब प्रखंड मुख्यालय का यह हाल है तो दूर दराज के गांव का हाल सहज समझा जा सकता है.नहीं है कोई सुनने वालाविद्युत विभाग में उपभोक्ताओं की मांगों व शिकायतों को सुनने वाला कोई नहीं है. विभाग के परबत्ता कार्यालय में शिकायत पुस्तिका भी नहीं दिया गया है. यहां तक कि कोई ऐसा फोन नंबर भी उपलब्ध नहीं है जिसपर शिकायत किया जा सके. कार्यालय में बिल संग्रह करने के लिये संविदा पर नियुक्त एकमात्र कर्मी ही कार्यालय में रहते हैं. उपभोक्ताओं को शिकायते दर्ज कराने के लिये हफ्तों तक दौड़-धूप करना पड़ता है. नाम नया पर चाल-ढाल पुराना प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं की सुविधा को बढाने के उद्येश्य से विभाग को अलग – अलग कंपनियों में बांटकर उत्तर बिहार में बिजली के वितरण के लिये नॉर्थ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड बनाया गया. प्रखंड में इसका केवल नाम ही बदल पाया. विभाग का चाल और चरित्र पुराना ही रहा. कंपनी के रुप में गठित होने के बावजूद उपभोक्ताओं को प्रतिदिन उदासीन रवैया व भ्रष्टाचार से दो-चार होना पड़ता है.उपभोक्ता परेशान मजे में है विभाग विभाग में उपभोक्ताओं की सेवा का यह आलम है कि हजारों उपभोक्ताओं ने महीनों पहले कनेक्शन के लिये आवेदन किया है जिसका निष्पादन अभी तक नहीं हो पाया है. इन उपभोक्ताओं को कोई यह भी बताने वाला नहीं है कि उनके घर कब तक बिजली लग पायेगी. विभाग द्वारा मीटर के अभाव को इसका कारण बताया जाता है. जबकि लोगों का कहना है कि राशि लेकर गुप-चुप तरीके से कनेक्शन दिया जा रहा है. अर्थिंग के बिना होती है चोरीपूरे प्रखंड में अमूमन अधिकांश गांवों में बिजली का केवल तीन फेज तार ही गुजरा है. ऐसे में उपभोक्ताओं को बिजली जलाने के लिये या तो दो फेज बिजली का इस्तेमाल करना पड़ता है या अपना अस्थायी अथिंर्ग बनवाना पड़ता है. अर्थिंग के अभाव में दो फेज बिजली जलाकर लोग बिना जानकारी के बिजली चोरी का अपराध करने को विवश हैं. इसके अलावा डबल फेज से उपभोक्ताओं के उपकरणों के जलकर नुकसान होने की आशंका बनी रहती है. कहते हैं कनीय अभियंताउपभोक्ताओं के इन समस्याओं के बारे में विभाग का रुख पूछने पर नॉर्थ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के कनीय अभियंता दिनेश पासवान ने बताया कि विभाग उपभोक्ताओं की परेशानियों को दूर करने के लिये हमेशा प्रयासरत है. साधन की कमी इसमें बाधक बन जाती है.

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