जुगाड़ पुल बनाने में जुटे नाविक

इस बार छारन होने की वजह से नदी काफी चौड़ी हो गयी इसके कारण इस वर्ष 42 के बदले 65 नावों को जोड़ना पड़ेगा बेलदौर : साल दर साल देखते-देखते आधा दशक बीत गया, लेकिन कोसी वासियों को कोसी नदी पार करने के लिए लाइफ लाइन दुरुस्त होने का सपना अधूरा ही रह गया. अपनी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 1, 2016 1:27 AM

इस बार छारन होने की वजह से नदी काफी चौड़ी हो गयी

इसके कारण इस वर्ष 42 के बदले 65 नावों को जोड़ना पड़ेगा
बेलदौर : साल दर साल देखते-देखते आधा दशक बीत गया, लेकिन कोसी वासियों को कोसी नदी पार करने के लिए लाइफ लाइन दुरुस्त होने का सपना अधूरा ही रह गया. अपनी बदहाली पर खीझते हुए सरकार एवं अधिकारी के विरोध में समस्याओं से मुक्त होने के लिए लोगों ने सड़क पर उतर कर आंदोलन भी किया.
अनशनकारियों ने आर पार की लड़ाई को अंजाम पर पहुंचा कर डुमरी पुल मरम्मत कार्य की स्वीकृति लेकर ही दम लिया. इससे लोगों को आवागमन की संकट से छुटकारा मिलने की आस बलवती हो गयी. पर, कायार्देश मिलने के एक वर्ष बाद भी कार्य एजेंसी द्वारा इस गति से कार्य नहीं किया जा सका कि निर्धारित अवधि तक मरम्मत कार्य पूरा हो सके.
इससे लोगों में नये साल को लेकर खुशी तो है, लेकिन आवागमन संकट से उबर पाने का भी उत्साह नहीं है. कारण चाहे कुछ भी हो. एक जनवरी 2015 को नाव की जुगाड़ पुल पर चार पहिया वाहन समेत छह पहिया वाहनों का परिचालन प्रारंभ किया गया था. इस बार स्टील ब्रिज मरम्मत पर बने संशय के कारण नाविक भी जुगाड़ पुल बनाने में परहेज कर रहे थे.
पर, जब मरम्मत कार्य की प्रक्रिया अधर में लटक गयी, तो जुगाड़ पुल को ही एक मात्र वैकल्पिक मार्ग बनाने की जुगत में नाव संचालक प्रयास करना शुरू कर दिये. गुरुवार को नाविक बांस इकट्ठा कर चचरी बनाने में जुटे थे. नाविकों द्वारा इस पुल में लगने वाले आवश्यक नावों की भी व्यवस्था कर ली. नाव संचालक ने बताया कि इस बार नदी के बीच छारन होने की वजह से नदी काफी चौड़ी हो गयी है. इसके कारण 42 के बदले 65 नावों को जोड़ना पड़ेगा.
कम खर्च में बेहतर वैकल्पिक मार्ग लोगों को काफी राहत देगी. जुगाड़ पुल बनने पर नाव से कम सेवा शुल्क देकर वाहनों को नदी के आर पार कराया जायेगा. साइकिल व पांव पैदल नि: शुल्क. वहीं नये साल में क्षतिग्रस्त स्टील ब्रिज अपनी बदहाली पर आंसू बहाता रहेगा, तो डुमरी पुल मरम्मत कार्य पूरा होने की बाट जोह रहा होगा.

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