श्रद्धा व उल्लास के साथ मनी मकर संक्रांति
खगड़िया : जिले भर में शुक्रवार को मकर संक्रांति पर्व उल्लासपूर्वक मनाया गया. पर्व को लेकर शहर के बाजार में लोगों की भीड़ रही. महिलाओं ने तिल पपड़ी, तिल से बने अन्य व्यंजन तथा अन्य सामग्री का दान ब्राहमणों के बीच किया. लोगों ने सवेरे सूर्योदय से पहले स्नान कर मंदिरों में पूजा अर्चना की. […]
खगड़िया : जिले भर में शुक्रवार को मकर संक्रांति पर्व उल्लासपूर्वक मनाया गया. पर्व को लेकर शहर के बाजार में लोगों की भीड़ रही. महिलाओं ने तिल पपड़ी, तिल से बने अन्य व्यंजन तथा अन्य सामग्री का दान ब्राहमणों के बीच किया.
लोगों ने सवेरे सूर्योदय से पहले स्नान कर मंदिरों में पूजा अर्चना की. जबकि कई लोगो ने जरूरतमंदों को दान किया गया. जबकि मकर संक्रांति को लेकर कई में मंदिरों में भजन संध्या एवं अन्य कार्यक्रमों का आयोजन होगा. मकर संक्रांति पर दिनभर युवा व बच्चे छतों पर पतंगबाजी करते रहे. दिनभर ये बच्चे एक दूसरे के पतंग को काटने के प्रयास मे रहे. कई लोग छतों पर पतंगबाजी के साथ भोजन एवं तिल के व्यंजनों का आनंद लिया. बाजार में दही की डिमांड अन्य दिनों की अपेक्षा शुक्रवार को काफी रही.
जम कर हुई पतंगबाजी
मकर संक्रांति को लेकर युवाओं में पतंगबाजी को लेकर सुबह से ही उत्साह देखने को मिला. सुबह से ही युवा पतंगें लेकर छतों पर चढ़ गये. इसके बाद पतंगें उड़ाना शुरू किया. जैसे जैसे समय गुजरने के साथ ही नीला आसमान रंग बिरंगी पतंगों से भरा नजर आ रहा था. छतों पर दिनभर बच्चों से लेकर बड़े बुजूर्गों ने किसी ने भी पतंगबाजी का आनन्द उठाया. सांझ ढली तो भी युवा छतों से नीचे उतरने का नाम नहीं ले रहे थे. बच्चों ने खुले मैदान व छतों पर पतंगबाजी का जम कर मजा लिया. कई जगहों पर लोग समूह बना कर पतंगबाजी का मजा लेते दिखे.
तिल खिलाकर मनाया त्योहार
परंपरा के अनुसार महिलाओं ने पूजा अर्चना के बाद अपने अपने घरों मंे भगवान को तिल व गुड़ चढाया. जिसको प्रसाद के रूप अपने बच्चों व अपने से बड़े लोगों को खिलाया. साथ ही महिलाओं ने पूजा अर्चना के बाद जरूरत मंद लोगों के बीच तिल के लड्डू बांटे व दान किया. मकर संक्रांति के दिन जिले में दही चूड़ा खाने की परंपरा है. लोगों ने पूजा अर्चना के बाद दही चूड़ा का सेवन किया. दही चूड़ा के सेवन से लोगों को कंपकंपी का एहसास हुआ है. जिस कारण कई लोग दिन भर छत पर धूप सेंकते रहे.
मौसम रहा मेहरबान
पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष मकर संक्रांति के दिन मौसम पूरा साफ रहा. ठंड भी पीछले वर्ष की भांति काफी कम थी. जिसका भरपुर फायदा लोगों ने उठाया. साथ ही बच्चों ने दही चूड़ा खाकर दिन भर पतंगबाजी करते रहे.