हद है. पूर्वी केबिन ढाला के समीप ओवरब्रिज निर्माण स्थल पर हादसा होते-होते बचा

पानी से भरे गड्ढे में गिरी महिला महिला को स्थानीय लोगों ने गड्ढे से खींच कर बाहर निकाला बिना कोई खतरे के निशान या घेराबंदी के रास्ते पर पानी से भरा गड्ढा बना खतरनाक महिला सहित स्थानीय लोगों ने कहा, किसी दिन लापरवाही के कारण जायेगी जान महीनों से पूर्वी केबिन ढाला बंद रहने से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2016 2:39 AM

पानी से भरे गड्ढे में गिरी महिला

महिला को स्थानीय लोगों ने गड्ढे से खींच कर बाहर निकाला
बिना कोई खतरे के निशान या घेराबंदी के रास्ते पर पानी से भरा गड्ढा बना खतरनाक
महिला सहित स्थानीय लोगों ने कहा, किसी दिन लापरवाही के कारण जायेगी जान
महीनों से पूर्वी केबिन ढाला बंद रहने से हजारों लोगों की परेशानी बढ़ी
शहर के उत्तरी व दक्षिणी भागों को जोड़ने के लिए पूर्वी केबिन ढाला होकर था मुख्य मार्ग
सदर अस्पताल से लेकर अधिकतर कार्यालयों में जाने के लिए खतरों से जूझ रहे लोग
अस्पताल सहित न्यायालय जाने के कारण अधिक दूरी तय करने के साथ कट रही जेब भी
खगड़िया : ओवरब्रिज निर्माण स्थल पर लापरवाही किसी दिन बड़े हादसे का गवाह बन सकती है. रविवार को पूर्वी केबिन ढाला के उत्तरी भाग में पटेल चौक पर उस वक्त अफरातफरी मच गयी, जब सब्जी लेकर अपने गांव जा रही एक बुजुर्ग महिला पानी से भरे गड्ढे में जा गिरी. वह तो शुक्र था कि घटना दिन में हुई, वरना कुछ भी हो सकता था. स्थानीय लोगों ने दौड़ कर पानी भरे गड्ढे से बुजुर्ग महिला को खींच कर बाहर निकाला. तब जाकर उसके जान मंे जान आयी. मौके पर पीड़ित महिला सहित स्थानीय लोगों ने कहा किसी दिन लापरवाही के कारण जान जायेगी.
ढाला बंद होने से आवागमन हुआ खतरनाक
शहर के उत्तरी व दक्षिणी भाग को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पूर्वी केबिन ढाला होकर 30 जुलाई 2015 से आवागमन बंद हो जाने खगड़िया शहर अस्त-व्यस्त हो गया है. सदर अस्पताल से लेकर न्यायालय व सरकारी कार्यालय रहने के कारण दक्षिणी भाग आने की मजबूरी के कारण लोगों को आने-जाने की मजबूरी है. सो खतरों से जूझते हुए रोज हजारों लोग इस पार से उस पार तक आवागमन करने को विवश हैं. इसी बीच ओवरब्रिज निर्माण करने वाली कंपनी द्वारा काम जोर-शोर से जारी है.
इसके लिये जगह जगह गड्ढे तो बना दिये गये लेकिन उसे भरने की जहमत नहीं उठायी जा रही है. लिहाजा पानी से भर गये इन गड्ढे में राहगीरों के गिर कर घायल होने का सिलसिला भी जारी है. वह तो शुक्र है कि कोई बड़ी घटना नहीं हुई है, वरना प्रशासन से लेकर निर्माण कंपनी को लोगों के गुस्से को संभालने में पसीने छूट जाते.
ओवरब्रिज बनने तक होगी परेशानी
उत्तरी व दक्षिणी भाग के बीच पूर्वी केबिन ढाला होकर इन दिनों आवागमन करना खतरे से खाली नहीं है. बताया जाता है कि ओवरब्रिज बनने तक परेशानी झेलने के अलावा कोई चारा नहीं है. पूर्वी केबिन ढाला बंद होने व ओवरब्रिज निर्माण स्थल पर राहगीरों को अपने हाल पर छोड़ दिये जाने के कारण आवागमन कष्टदायक हो गया है.
न्यायालय, सदर अस्पताल, समाहरणालय सहित अधिकांश सरकारी कार्यालय जाने के कारण लोगों को करीब तीन किलोमीटर अधिक दूरी तय कर परमानंदपुर ढाला होकर जाना पड़ता है. रैक प्वाइंट पर भी रेलवे ने आम गाडि़यों को आने जाने पर ब्रेक लगा दिया है. ऐसे में परेशानी और बढ़ गयी है. इन दिनों से बाइक सहित पैदल लोगों को खतरांे से जूझते हुए पटरी पार कर खगडि़या शहर में आते जाते आसानी से देखा जा सकता है.

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