जाम . अतिक्रमण हटाने की नहीं हो रही पहल

पैदल चलना भी मुश्किल शहर में हर रोज लगने वाले जाम के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है. बच्चे स्कूल जाने में लेट, कर्मी दफ्तर जाने में लेट, कभी-कभी तो मरीजों की मौत भी हो जाती है. खगड़िया : शहर में जाम से परेशान लोगों की मानें तो जिला प्रशासन द्वारा शहरवासियों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 29, 2016 5:59 AM

पैदल चलना भी मुश्किल

शहर में हर रोज लगने वाले जाम के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है. बच्चे स्कूल जाने में लेट, कर्मी दफ्तर जाने में लेट, कभी-कभी तो मरीजों की मौत भी हो जाती है.
खगड़िया : शहर में जाम से परेशान लोगों की मानें तो जिला प्रशासन द्वारा शहरवासियों को जाम से निजात दिलाने का दावा महज झूठा साबित होता जा रहा है. लोगों द्वारा जाम से निजात दिलाने के लिए कई बार आवेदन देने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा आज तक कोई कदम नहीं उठाया जाना महज खानापूर्ति बन कर रह गया है. जाम की वजह से न केवल लोगों को अपने दैनिक कार्यों को निपटाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है,
बल्कि बच्चों को भी स्कूल जाने में काफी परेशानी होती है. समाजसेवी सुभाष चंद्र जोशी बताते हैं कि शहर में कोई ट्रैफिक व्यवस्था नहीं होने के कारण ही अक्सर जाम लगता है. व्यवसायी राज कुमार व अशोक कुमार की मानें तो नगर क्षेत्र में दोपहिया या चारपहिया वाहनों के समुचित पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण राजेंद्र चौक, नगर पालिका रोड, मील रोड, एमजी रोड, स्टेशन रोड, सागरमल चौक आदि जगहों पर अक्सर जाम लग जाता है
और लोगों को जाम से निकलने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. समाजसेवी नागेंद्र सिहं त्यागी व छात्र मनीष कुमार दूबे तथा चंदन कुमार की मानें तो बड़े वाहनों के बाजार क्षेत्र में अकस्मात प्रवेश कर जाने के कारण भी बराबर जाम लग जाता है. इसलिए जिला प्रशासन को सुबह 9 बजे से रात्रि के 9 बजे तक बाजार क्षेत्र में बड़े वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए नो-इंट्री व्यवस्था को हर हाल में लागू करना चाहिए, ताकि जाम से राहत िमल सके.

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