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फर्जी एलपीसी पर बांट दिये करोड़ों के ऋण

फर्जी एलपीसी पर बांट दिये करोड़ों के ऋण आर्थिक अपराध इकाई की जांच में हुआ खुलासा, मामला तूल पकड़ने के बाद ऋण लेने व देने वालों पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा सात वर्ष पूर्व किसान गोल्ड ऋण के तहत बांटे गये लोन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी उजागरपिछले दरवाजे से […]

फर्जी एलपीसी पर बांट दिये करोड़ों के ऋण आर्थिक अपराध इकाई की जांच में हुआ खुलासा, मामला तूल पकड़ने के बाद ऋण लेने व देने वालों पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा सात वर्ष पूर्व किसान गोल्ड ऋण के तहत बांटे गये लोन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी उजागरपिछले दरवाजे से पैसों के लिये हुआ पैसों का खेल, बिना कागजात की जांच किये ही फर्जी किसानों के नाम उठे लोन पूरे प्रकरण में तत्कालीन सहायक शाखा प्रबंधक को निलंबित कर शुरू की गयी विभागीय कार्रवाई आरटीआई के तहत मांगी गयी जानकारी देने में आनाकानी कर रहे बैंक प्रबंधन पर कसा शिकंजा मुख्य सूचना आयुक्त ने बैंक प्रबंधन को सूचना की जानकारी देने का दिया कड़ा निर्देश ——————-कहा जाता है कि बैंक से लोन लेना हो तो पिछले दरवाजे से जाइये. ना कोई कागज का झंझट बस पिछले दरवाजे से आकर कमीशन तय होते ही लोन की राशि आपके घर तक पहुंच जायेगी. कुछ इसी तरह सात वर्ष पूर्व सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों के ऋण बांट दिये गये. फर्जीवाड़ा की पोल खुलने के बाद काफी हो-हल्ला होने के बाद आर्थिक अपराध ईकाई को पूरे मामले की जांच दी गयी. जांच में कई चौंकाने वाले खुलासा हुए हैं. इधर, पूरे प्रकरण की आरटीआई के तहत सूचना देने में आनकानी करने पर बैंक प्रबंधन पर शिकंजा कसता जा रहा है. ———————–प्रतिनिधि4खगड़िया एक आम आदमी को बैंक से लोन लेने में कितनी परेशानी होती है यह किसी से छिपी हुई नहीं है. आये दिन बैंक से लोन के नाम पर फर्जीवाड़ा की खबर खगड़िया में भी सुर्खिया बटोरती रही है. इसी कड़ी में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से जुड़े एक मामले बैंक प्रबंधन बुरी तरह फंसता नजर आ रहा है. पूरा मामला सात पूर्व बांटे गये कृषि लोन में धांधली का है. जिसमें फर्जी कागजात के सहारे करीब दो करोड़ रुपये ऋण बांट दिये गये. पूरे मामले में फर्जीवाड़ा की पोल खुलने के बाद आर्थिक अपराध इकाई को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. बताया जाता है कि जांच में बैंक प्रबंधन सवालों के घेरे में है. पिछले दरवाजे से पैसों के लिये बड़े पैमाने पर पैसों (कमीशनखोरी) का खेल होने की बात कही जा रही है. सूत्रों की मानें फर्जी एलपीसी के सहारे लोन देने में नियम कायदे को ताक पर रख दिया गया. फर्जी किसानों के नाम पर लोन उठ गये. लेकिन किसानों तक लोन की आधी रकम भी नहीं पहुंच पायी. अधिकांश राशि बैंक प्रबंधन व बिचौलियों की जेब में चले गये. ——————————-53 लोगों को बांटे गये थे 1.65 करोड़ के लोन वित्तीय वर्ष 09-10 में सेंट्रल बैंक के द्वारा 53 लोगों के बीच किसान गोल्ड ऋण के तहत एक करोड़ 65 लाख रुपये के लोन बांटे गये थे. नियम कायदे को ताक पर रख कर बांटे गये लोन में जम कर भ्रष्टाचार हुआ. फर्जी किसानों के नाम पर बांटे गये लोन में जमकर गोलमाल किया गया. बाद में मामला तूल पकड़ने के बाद पूरे मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने जांच शुरू की. जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि कई लोगों को फर्जी एलपीसी के आधार पर ऋण दिये गये थे. बैंक इन एलपीसी की जांच भी नहीं करायी थी. ऋण वितरण में भ्रष्टाचार की बातें सामने आने के बाद आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी. जिसमें बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक, सहायक शाखा प्रबंधक , बैंक के लिगल एडवोकेट, बिचौलिया सहित गलत कागजात के आधार पर ऋण पाने वालों को अभियुक्त बनाया गया था. जानकार बताते है कि आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा इस मामले में चार्ज शीट भी न्यायालय में समर्पित कर दिया गया है. बताया जाता है कि ऋण वितरण में बैंक के कई अधिकारी व कर्मचारी संदेह के घेरे में हैं. आधी सूचना देकर पल्ला झाड़ रहा बैंक प्रबंधन ऋण वितरण में अनियमितता की बातें सामने आने के बाद जिले के एक आरटीआइ कार्यकर्ता ने सेंट्रल बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक से किसान गोल्ड ऋण के तहत वितरण की गयी ऋण से संबंधित सूचना मांगी थी. बैंक के अधिकारी आधी सूचना देकर पल्ला झाड़ रहे हैं. जिसमें इन्होने किसान गोल्ड ऋण योजना के तहत सेन्ट्रल बैंक शाखा खगड़िया के द्वारा इन लोगों के बीच 1 करोड़ 65 लाख रुपये वितरण किये जाने के साथ साथ बैंक के तत्कालीन सहायक शाखा प्रबंधक को निलंबित कर इनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई आरंभ किये जाने की सूचना तो दी है. लेकिन ऋण वसूली के लिये क्या कार्रवाई हो रही है यह नहीं बताया गया. —————अलौली व सदर प्रखंड से जुड़ा है मामला अलौली तथा सदर प्रखण्ड के कई लोगों को किसान दिखा कर फर्जी कागजातों के आधार पर लगभग सात वर्ष पूर्व करोड़ों रूपये ऋण दिये गए थे. सेन्ट्रल बैंक के द्वारा वितरण किये गए कुछ ऋण से संबंधित कई बिंदुओं पर सूचना मांगी गयी थी. बैंक ने यह सूचना उपलब्ध नहीं करायी है कि अबतक कर्जदारों से कितनी ऋण की राशि वसूली की गयी है तथा बैंक ऋण की वसूली की दिशा में क्या कार्रवाई कर रही है. इसी मामले की एक बार फिर वीडियो कॉन्फ्रेन्सींग की जरिये सुनवाई हुई. सुनवाई में सेन्ट्रल बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक विनोद कुमार तथा आवेदक मनोज कुमार मिश्रा ने भाग लिया. ——————सूचना नहीं दिये तो कार्रवाई तय मानिये दोनों पक्षों को सुनने के बाद सूचना आयुक्त सरत सबरबाल ने बैंक के क्षेत्रिय प्रबंधक को वसूल की गई ऋण की राशि तथा वसूल की दिशा में बैंक के द्वारा की जा रही कार्यो की सूचना देने को कहा है.जानकारी के मुताबिक आयुक्त ने स्पष्ट कर दिया है कि पहले भी बैंक को उक्त सूचना देने का आदेश दिया जा चुका है. अगर इसके बाद भी आवेदक को सूचना नहीं दी जाती है.आयोग आरटीआई एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी. लेकिन इन्होने यह नहीं बताया कि इस ऋण की वसूली के लिए बैंक क्या कार्रवाई कररही है तथा अबतक कितनी राशि वसूली की गई है.इधर सुनावाई करते हुए केन्द्रिय सूचना आयुक्त ने बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक को सूचना देने का आदेश देते हुए तल्ख टिप्पणी किया है. —————————————————– महुआ के पेड़ ढूंढ रहे सीओ साहब खगड़िया. सरकार द्वारा शराबबंदी की घोषणा बाद अब महुआ के पेड़ पर भी नजर रखी जा रही है. स्थिति यह है कि कामकाज छोड़ कर सीओ साहब महुआ के पेड़ को ढूंढने में व्यस्त हैं. बताया जाता है कि महुआ के फल पर व पेड़ पर निगरानी रखी जा रही है. ताकि महुआ फल का उपयोग लोग शराब बनाने के लिए न कर सके. सूत्र के मुताबिक प्रधान सचिव के निर्देश के आलोक में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग नोडल नदाधिकारी ने सभी सीओ को पत्र लिखकर सरकारी तथा निजी जमीन पर अवस्थित महुआ के पेड़ों की सूची मांगी है. जानकारी के मुताबिक महुआ पेड़ का सर्वेक्षण कराने का निर्देश निबंधन उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक के द्वारा भी दिया है. जिसके आलोक में सभी सीओ से रिपोर्ट मांगी गई है. जानकार बताते है कि बिहार उत्पाद नियम 2006 के तहत कोई भी व्यक्ति अधिकतम 5 किलोग्राम तक ही महुआ फल रख सकते है. इससे अधिक रखने के लिए लाइसेंस लेने की आवश्यकता होती है. विभाग के प्रधान सचिव ने इस नियम का अनुपालन कराने का निर्देश दिया है.—————————हटाए जा रहे प्रत्याशियों के बैनर खगड़िया. दूसरे लोगो के घरो, दुकानों पर टंगे चुनाव प्रत्याशियों के बैनर एवं पोस्टर को हटाए जा रहे है. बीते कुछ दिनों में प्रत्याशियों के द्वारा अपने घरों के साथ साथ दूसरे लोगों के घरो पर बैनर पोस्टर टांगे गए थे. जिसे अब हटाया जा रहा. ओलापुर, गंगौर, बेला सिमरी, चंदपूरा, जलकौड़ा, रानीसकरपूरा, जहांगीरा, लाभगांव सहित कई पंचायतों में चुनाव प्रत्याशियों के द्वारा जगह जगह बैनर व पोस्टर को हटाने का काम अंतिम चरण में है. बीडीओ रविरंजन के निर्देश पर स्थानीय पुलिस के द्वारा बैनर एवं पोस्टर को हटवाया गया है. इन्होंने बताया कि दूसरे व्यक्ति के घरो पर बैनर पोस्टर चिपकाना आर्दश आचार सहिंता का उल्लंघन है. आयोग के निर्देश के आलोक में ही सभी थाना अध्यक्षों को आदर्श आचार संहिता का अनुपालन कराने को कहा गया है.———————–अब बनेंगे सात ही मॉडल बूथखगड़िया. अब 14 की जगह सात मॉडल मतदान केन्द्र बनाये जाएंगे. पंचायत चुनाव के मद्देनजर पहले सभी प्रखंडों में दो दो मॉडल मतदान केन्द्र बनाने की घोषणा हुई थी. अब इस निर्णय को बदलते हुए विभाग ने अब सभी प्रखण्ड में एक एक मॉडल बूथ बनाने का नया आदेश जारी किया है.उक्त जानकारी जिला पंचायती राज पदाधिकारी सियाराम सिंह ने दी.—————–आज से सरकारी स्कूलों का मार्निंग संचालन शुरू —————–पेज तीन का लीड – फोटो है. 16, 17कैप्सन. कड़ी धूप में स्कूल जाते छात्र-छात्राएं —————-प्रभात खबर की पहल पर डीडीसी ने तुरंत लिया एक्शन, शनिवार से प्रात:कालीन स्कूल संचालन करने का डीइओ को दिया निर्देश —————————जिला प्रशासन के आदेश के बाद कड़ी धूप में परेशान बच्चों व अभिभावकों को मिलेगी राहत —————————सभी बीआरसी व सीआरसी को स्कूलों का संचालन सुबह छह बजे से 12 :30 बजे तक करने का दिया गया निर्देश —————खगड़िया का पारा 35 के पार, जिले में प्राइवेट स्कूलों के मार्निंग होने का अब भी इंतजार ————-शुक्रवार को अधिकतम तापमान 38 डिग्री रिकार्ड, गरम हवा ने बढायी परेशानी ————-पछुआ हवा में उड़ते धूल से जूझते हुए पढने जा रहे हजारों स्कूली बच्चे ————-पीठ पर पांच किलो का बस्ता लेकर स्कूल आने जाने में बेहोश हो रही छात्राएं ———–प्रभात खबर की पहल पर सभी सरकारी स्कूलों का संचालन मार्निंग करने का निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया गया है. शनिवार से जिले के सभी सरकारी स्कूलों का संचालन प्रात:कालीन कर दिया गया है. – अब्दुल बहाव अंसारी, डीडीसी जिला प्रशासन से मंजूरी मिलने के बाद शनिवार से सभी सरकारी स्कूलों का संचालन प्रात:कालीन करने का निर्देश दिया गया है. अब सुबह छह बजे से 12 :30 बजे तक स्कूलों में पठन-पाठन कार्य किया जायेगा. – डॉ ब्रज किशोर सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी ————–अब तक स्कूलों को मार्निंग हो जाना चाहिये. पारा 38 के पार पहुंच चुका है. बच्चों के साथ-साथ अभिभावक की परेशानी को देखते हुए जल्द ही प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधि एक दो दिनों में निर्णय ले लेंगे. जिसके बाद सुबह के छह बजे से साढे 11 बजे तक स्कूल का संचालन किया जायेगा. ताकि बच्चों को परेशानी से निजात मिल सके. – प्रभाकर कुमार, चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन, अध्यक्ष ——————–गर्मी की स्थिति को देखते हुए बच्चों के लिये विशेष एहतियात बरतने की जरूरत होती है. कड़ी धूप में लू लगने की संभावन बढ जाती है. साथ ही अत्याधिक गर्मी के कारण बेहोश होने की घटनाएं भी हो सकती है. साथ ही स्कीन की समस्या भी होने का खतरा बढ़ जाता है. – डॉ एसके पंसारी, प्रसिद्ध् चिकित्सक. —————खगड़िया. बढ़ती गरमी को देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी सरकारी स्कूलों का संचालन प्रात:कालीन करने का आदेश जारी किया है. प्रभात खबर की पहल पर डीडीसी अब्दुल बहाव अंसारी ने तुरंत एक्शन लेते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ ब्रज किशोर सिंह को इस आशय का आदेश जारी कर दिया है. इसके बाद शनिवार सुबह से सरकारी स्कूल सुबह छह बजे से लेकर 12 : 30 बजे तक चलेगा. इससे अभिभावकों के साथ बच्चों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है. —————–35 डिग्री के पार पहुंचा खगड़िया का पारा जिले का पारा 35 के पार पहुंच चुका है लेकिन प्राइवेट स्कूलों के मार्निंग होने का अभी इंतजार है. छात्राएं बेहोश हो रही हैं लेकिन प्राइवेट स्कूल संचालक अभी कोई निर्णय नहीं ले पाये हैं. नतीजतन गर्म हवाओं व उड़ते धूल से जूझते हुए छात्र-छात्राएं स्कूल जाने को मजबूर हैं. अप्रैल के पहले सप्ताह में ही झुलसा देने वाली गर्मी पड़ रही है लेकिन स्कूलों में अभी भी 10 बजे दोपहर में कक्षाएं लगाई जा रही हैं. शनिवार को शहर का पारा 38 डिग्री तक जा पहुंचा. प्राइवेट स्कूलों के छोटे-बड़े बच्चे दोपहर में छुट्टी के बाद तेज धूप में घर लौटते हैं. जो खतरे से खाली नहीं है. ————————–

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