सराहनीय. कश्मीर से लेकर अंडमान द्वीप तक श्रेया त्यागी ने किया है योगासन

युवाओं को स्वस्थ बनाना है सपना चार पीढ़ी की परंपरा को जिंदा रखने की जिद ने श्रेया को आम से खास बना दिया. अपनी असाधारण प्रतिभा के बल पर माता-पिता की इकलौती संतान श्रेया त्यागी नित्य नये मुकाम हासिल कर रही है. महज दो वर्ष की उम्र से योग विद्या में परचम लहरा रही श्रेया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2016 6:05 AM

युवाओं को स्वस्थ बनाना है सपना

चार पीढ़ी की परंपरा को जिंदा रखने की जिद ने श्रेया को आम से खास बना दिया. अपनी असाधारण प्रतिभा के बल पर माता-पिता की इकलौती संतान श्रेया त्यागी नित्य नये मुकाम हासिल कर रही है. महज दो वर्ष की उम्र से योग विद्या में परचम लहरा रही श्रेया आज 184 प्रकार के आसन व 21 प्रणायाम करने वाली देश की इकलौती बिटिया बन गयी हैं. अब तक दर्जनों राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित श्रेया देश-विदेश के बड़े-बड़े मंचों से योग विद्या में अपना लोहा मनवा चुकी है. लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराने के जुनून में श्रेया नित्य नये मुकाम हासिल करने में लगी हुई है.
खगड़िया : उम्र महज 13 वर्ष, लेकिन कंधों पर चार पीढ़ी पुरानी पुरखों की योग विद्या की परंपरा को कायम रखने की जवाबदेही. 184 योगासन व 21 प्रकार के प्रणायाम कर दुनिया को चौंकाने वाली बिहार के खगड़िया की बिटिया श्रेया त्यागी की योगविद्या को देख इंडियन आर्मी भी नतमस्तक हो गयी थी. महेन्द्र त्यागी व श्रद्धा त्यागी की इकलौती संतान व अपने पुरखों की जिम्मेदारी निभा रही श्रेया पर आज पूरा देश नाज कर रहा है.
देश विदेश में योग विद्या सीखा चुकी श्रेया त्यागी ने इनसान को स्वस्थ बनाना अपनी जिंदगी का मकसद मान लिया है. आधा दर्जन राष्ट्रीय पुरस्कारों सहित सैकड़ों मेडल व प्रशस्त्रि पत्र से सम्मानित श्रेया त्यागी चार पीढ़ी पुरानी गुरु बददूलाल व्यायामशाला में योग सिखती और सिखाती है. योग विद्या में श्रेया की प्रतिभा के कायल होकर बाबा रामदेव ने उन्हें नन्हीं योग गुरु की उपाधि से नवाजा था. महज तीन वर्ष की उम्र में योग में अपना लोहा मनवा चुकी श्रेया को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सम्मानित कर चुके हैं. ऐसे पुरस्कारों की संख्या सैकड़ों में है, लेकिन आज भी श्रेया उसी जोश व जुनून से योग विद्या में महारत हासिल करने में लगी हुई हैं.
हठयोग में भी माहिर है श्रेया
अब तक करीब 14 राज्यों के कार्यक्रमों में योगासन कर चौंकाने वाली श्रेया हठयोग में भी माहिर है. जिस उम्र में बच्चे ठीक ढंग से चलना भी नहीं सीख पाते हैं, उसी उम्र से योग विद्या में पारंगत श्रेया ने वृश्चिक आसान, शीर्ष पद्मासन, गर्भासन, सिंहासन, गोमुख आसन, अर्द्व मत्स्यन्द्रासन, बक्रासन, सुप्तभद्रासन जैसे कठिन आसन कर सबको चौंका दिया है. अंडमान निकोबार में उसकी योगविद्या का प्रदर्शन देख इंडियन आर्मी की आंख खुली की खुली रह गयी थी.
देश-विदेश में योग का लहरा रही परचम : योग के क्षेत्र में अब तक महाराष्ट्र, नेपाल, दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तरप्रदेश, झारखंड, बिहार आदि राज्यों में परचम लहराने वाली श्रेया को चार साल की उम्र में 14 नवंबर 2007 को केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा था, जो कि एक रिकार्ड है. इसी तरह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों युवा महोत्सव में राष्ट्रीय पुरस्कार पा चुकी श्रेया की प्रतिभा को देखते हुए डीएवी स्कूल ने उसे इंटर तक की पढ़ाई मुफ्त में देने का एलान किया है. श्रेया की योगविद्या के कायल बेगूसराय के तत्कालीन जेल अधीक्षक ने उन्हें जेल का ब्रांड एंबेसडर बनाया था. जहां उसने कैदियों के बीच योग का अलख जगाने का काम किया.
प्रधानमंत्री से मिलने की तमन्ना
देश के पीएम नरेन्द्र मोदी की योग के प्रति प्रेम की कायल श्रेया त्यागी को उनसे मिलने की तमन्ना है. वह बताती हैं कि विश्वस्तर पर योग को पहचान दिलाने वाले नमो से मिल कर देश के युवाओं में योग के प्रचार-प्रसार पर बात करूंगी, ताकि घर-घर में योग पहुंचा कर स्वस्थ्य समाज का निर्माण किया जा सके. मां श्रद्धा व पिता महेन्द्र त्यागी की प्रेरणा की बदौलत नन्हीं बिटिया श्रेया त्यागी कहती हैं कि योग को जीवनशैली में अपना कर कई रोगों से मुक्त रहा जा सकता है. पीढ़ी दर पीढ़ी योग से नाता रखने वाले इस परिवार ने खगड़िया का परचम देश विदेश में लहराया है.

Next Article

Exit mobile version