यहां इंजन पर यात्रा जायज है…

अनदेखी. ट्रेन के पायदान पर लटके यात्री रोज तोड़ रहे रेलवे के कानून सहरसा-मानसी-खगड़िया रेलखंड पर चलने वाली ट्रेन के इंजन पर खुलेआम यात्रा किया जा रहा है. स्थिति यह है कि इंजन पर भी तिल रखने की जगह नहीं रहती है. वहीं प्लेटफार्मों पर रोज टूट रहे रेलवे के कानून की ओर रेलवे अधिकारियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2016 5:07 AM

अनदेखी. ट्रेन के पायदान पर लटके यात्री रोज तोड़ रहे रेलवे के कानून

सहरसा-मानसी-खगड़िया रेलखंड पर चलने वाली ट्रेन के इंजन पर खुलेआम यात्रा किया जा रहा है. स्थिति यह है कि इंजन पर भी तिल रखने की जगह नहीं रहती है. वहीं प्लेटफार्मों पर रोज टूट रहे रेलवे के कानून की ओर रेलवे अधिकारियों की नजर नहीं पड़ती है. लेकिन नजरें फेर लिये जाने के कारण स्थिति दिन प्रतिदिन भयावह होती जा रही है.
खगड़िया : सहरसा-मानसी-खगड़िया रेलखंड पर चलने वाली ट्रेन के इंजन पर खुलेआम यात्रा किया जा रहा है. स्थिति यह है कि इंजन पर भी तिल रखने की जगह नहीं रहती है. हालांकि इंजन पर लटके यात्री में अधिकांश मोटिया वाले छोटे व्यवसायी होते हैं. इतना ही नहीं इंजन के बाद पायदान से लेकर सामान लादे जाने वाले ब्रेकभान में भी यात्री ठूंसे रहते हैं. ऐसे में रेलवे द्वारा सुरक्षित व सुहाने सफर के दावे मानसी सहरसा रेलखंड पर खोखले नजर आ रहे हैं.
अधिकारियों के सामने टूट रहे रेलवे के कानून : ऐसा नहीं है कि ट्रेनों व प्लेटफार्मों पर रोज टूट रहे रेलवे के कानून की ओर रेलवे अधिकारियों की नजर नहीं पड़ती है. लेकिन नजरें फेर लिये जाने के कारण स्थिति दिन प्रतिदिन भयावह होती जा रही है. हालांकि इसके लिये आम जनता को भी जागरूक होना होगा लेकिन रेलवे अधिकारियों की उदासीनता के कारण आमलोग भी रेलवे का कानून तोड़ने में नहीं हिचक रहे हैं. पटरी पार करना, ट्रेन के पायदान व इंजन पर यात्रा आदि जैसे कई कारनामें रेल अधिकारियों के दावे की हवा निकाल रहे हैं.
भीषण गरमी में पंखा बंद : इन दिनों पड़ रही गरमी किसी से छुपी नहीं है लेकिन खगड़िया रेलवे स्टेशन पर पंखा बंद रहने से यात्रियों की परेशानी बढ़ गयी है. बताया जाता है कि स्थानीय रेलकर्मियों की मनमानी के कारण गरमी में भी रेल यात्रियों को रेलवे सुविधा उपलब्ध करवाने से हिचक रहा है. जिसके कारण यात्रियों में आक्रोश व्याप्त है. कई यात्रियों ने कहा कि प्लेटफार्म नंबर दो और तीन की उपेक्षा कब तक जारी रहेगी. पंखा भी बंद और पेयजल संयंत्र भी बंद रहने यात्रियों की परेशानी में इजाफा हो गया है. लेकिन मजबूरी में रेल प्रशासन को कोसने के अलावा यात्री कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं.
सहरसा-मानसी-खगड़िया रेलखंड पर चलने वाली ट्रेन के इंजन पर खुलेआम यात्रा किया जा रहा है. स्थिति यह है कि इंजन पर भी तिल रखने की जगह नहीं रहती है. वहीं प्लेटफार्मों पर रोज टूट रहे रेलवे के कानून की ओर रेलवे अधिकारियों की नजर नहीं पड़ती है. लेकिन नजरें फेर लिये जाने के कारण स्थिति दिन प्रतिदिन भयावह होती जा रही है.
खगड़िया : सहरसा-मानसी-खगड़िया रेलखंड पर चलने वाली ट्रेन के इंजन पर खुलेआम यात्रा किया जा रहा है. स्थिति यह है कि इंजन पर भी तिल रखने की जगह नहीं रहती है. हालांकि इंजन पर लटके यात्री में अधिकांश मोटिया वाले छोटे व्यवसायी होते हैं. इतना ही नहीं इंजन के बाद पायदान से लेकर सामान लादे जाने वाले ब्रेकभान में भी यात्री ठूंसे रहते हैं. ऐसे में रेलवे द्वारा सुरक्षित व सुहाने सफर के दावे मानसी सहरसा रेलखंड पर खोखले नजर आ रहे हैं.
अधिकारियों के सामने टूट रहे रेलवे के कानून : ऐसा नहीं है कि ट्रेनों व प्लेटफार्मों पर रोज टूट रहे रेलवे के कानून की ओर रेलवे अधिकारियों की नजर नहीं पड़ती है. लेकिन नजरें फेर लिये जाने के कारण स्थिति दिन प्रतिदिन भयावह होती जा रही है. हालांकि इसके लिये आम जनता को भी जागरूक होना होगा लेकिन रेलवे अधिकारियों की उदासीनता के कारण आमलोग भी रेलवे का कानून तोड़ने में नहीं हिचक रहे हैं. पटरी पार करना, ट्रेन के पायदान व इंजन पर यात्रा आदि जैसे कई कारनामें रेल अधिकारियों के दावे की हवा निकाल रहे हैं.
भीषण गरमी में पंखा बंद : इन दिनों पड़ रही गरमी किसी से छुपी नहीं है लेकिन खगड़िया रेलवे स्टेशन पर पंखा बंद रहने से यात्रियों की परेशानी बढ़ गयी है. बताया जाता है कि स्थानीय रेलकर्मियों की मनमानी के कारण गरमी में भी रेल यात्रियों को रेलवे सुविधा उपलब्ध करवाने से हिचक रहा है. जिसके कारण यात्रियों में आक्रोश व्याप्त है. कई यात्रियों ने कहा कि प्लेटफार्म नंबर दो और तीन की उपेक्षा कब तक जारी रहेगी. पंखा भी बंद और पेयजल संयंत्र भी बंद रहने यात्रियों की परेशानी में इजाफा हो गया है. लेकिन मजबूरी में रेल प्रशासन को कोसने के अलावा यात्री कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं.

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