आपदा की घड़ी में यहां जुगाड़ से होता है काम

शनिवार को तेलिहार रैताय टोला निवासी कैलास चौधरी का 20 वर्षीय पुत्र पंकज कुमार की डूबने से हो गयी थी मौत बेलदौर : आपदा से निबटने के लिए कोसी इलाके में जुगाड़ तकनीक से सभी काम किया जाता है. चाहे सफलता देर से ही क्यों नहीं मिले, दूसरा कोई चारा भी नहीं है. अगलगी की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2016 5:25 AM

शनिवार को तेलिहार रैताय टोला निवासी कैलास चौधरी का 20 वर्षीय पुत्र पंकज कुमार की डूबने से हो गयी थी मौत

बेलदौर : आपदा से निबटने के लिए कोसी इलाके में जुगाड़ तकनीक से सभी काम किया जाता है. चाहे सफलता देर से ही क्यों नहीं मिले, दूसरा कोई चारा भी नहीं है. अगलगी की घटना हो,नदी में डूबने का मामला हो या फिर कोसी नदी पार करने की समस्या हो. जुगाड़ तकनीक ही एक मात्र आसरा होता है, लोगों को समस्या से निबटने के लिए जब कोसी नदी में डूब कर तेलिहार रैताय टोला निवासी कैलास चौधरी का 20 वर्षीय पुत्र पंकज कुमार की मौत हो गयी.
सूचना मिलने के पांच घंटे बाद भी न तो एनडीआरएफ की टीम पहुंची न तो कोई सरकारी तरकीब ही काम आयी. लाचार होकर आसपास के मछुआरे ने ही घटनास्थल पर ही रस्सी, बंसी व ईट के टुकडे इकट्ठा कर जुगाड़ झिंगुर जाल बनाकर शव की तलाश करने नदी में धुसे. नाव के सहारे घटनास्थल से लेकर नदी के आस पास शव की तलाश में जुटे रहे बावजूद सोमवार की सुबह तक सफलता हाथ नहीं लगी. बावजूद पीड़ित परिवार समेत लोगों को उम्मीद बंधी थी कि जब सरकारी लोग हाथ पर हाथ रख शव बरामदगी का इंतजार कर रहा है तो वही जुगाड़ के सहारे मछुआरे शव बरामद करने को लेकर अपनी पूरी ताकत झोंक दी. यही हाल अगलगी के दौरान होती है. सूचना पर जब तक अग्निशमन दस्ता पहुंचती है, आसपास के ग्रामीण ही अपनी जुगाड़ व होसले की मदद से आग पर नियंत्रण करते है.
वहीं डुमरी व स्टील पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद नाव की जुगाड़ पुल ही अधिकारी समेत आम लोगों को कोसी नदी पार कराती है. आखिर लोगों को इन जुगाड़ के सहारे कब तक जीवन को दाव पर लगाना पड़ेगा. इसका ठोस जवाब न तो अधिकारी के पास है न तो प्रतिनिधियों के पास. बहरहाल भगवान भरोसे घटना के दो दिन बाद शव पानी से अपने आप बाहर निकल कर कई अनसुलझे सवाल छोड़ गया, गोगरी एसडीओ के निर्देश पर सोमवार की सुबह जब एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंच कर शव की तलाश करने के लिए पानी में उतरने ही वाले थे कि कुछ दूरी पर नदी किनारे शव मिलने की सूचना मिल गयी. शव बरामद होते ही मृतक के परिजन का रो रो कर बुरा हाल हो रहा था. दो दिनों से कोसी तट पर लोगों की भीड़ लगी रही.

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