निरीक्षण के बाद सो गये शिक्षा विभाग के अधिकारी

खगड़िया : शिक्षा विभाग के अधिकारी की लापरवाही के कारण सरकारी स्कूलों की व्यवस्था बरबादी के कगार पर पहुंच गयी है. सरकारी स्कूलों में सुधार के बड़े बड़े दावे के बीच नया मामला शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कटघरे में खड़ा करने के लिये काफी है. ताजा मामला विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान पकड़ी गयी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2016 6:01 AM

खगड़िया : शिक्षा विभाग के अधिकारी की लापरवाही के कारण सरकारी स्कूलों की व्यवस्था बरबादी के कगार पर पहुंच गयी है. सरकारी स्कूलों में सुधार के बड़े बड़े दावे के बीच नया मामला शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कटघरे में खड़ा करने के लिये काफी है. ताजा मामला विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान पकड़ी गयी गड़बड़ी के आधार पर कार्रवाई में हो रहे टालमटोल का है.

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जब स्कूलों की जांच हुई, गोलमाल पकड़ी गयी तो कार्रवाई में क्यों देरी की जा रही है. कहीं दाल में काला तो नहीं.

डीएम के निर्देश पर हुआ था निरीक्षण : करीब एक महीने पूर्व तत्कालीन डीएम साकेत कुमार के निर्देश पर अलौली के 62, परबत्ता के 130, मानसी के 44 सरकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण किया गया था.
जिसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी भी उजागर हुई. बताया जाता है कि जांच रिपोर्ट भी जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंप दी गयी लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं की गयी है. सूत्रों की मानें तो जांच रिपोर्ट में दर्जनों शिक्षकों के प्रतिनियोजन का भी खुलासा हुआ. कई विद्यालय बंद पाये गये तो दर्जनों विद्यालयों में ड्यूटी से शिक्षक गायब पाये गये. ऐसी कई गड़बड़ी सामने आने के बाद जांच रिपोर्ट फाइलों की शोभा बढ़ाने के काम आ रहा है. इधर, कार्रवाई नहीं होने से तरह तरह की चर्चा हो रही है.
छात्रवृत्ति राशि भी डकारे बैठे हैं कई प्रधान शिक्षक : बताया जाता है कि निरीक्षण के दौरान कई स्कूलों में सरकारी योजनाओं की राशि रहते हुए भी क्रियान्वयन नहीं किये जाने का खुलासा हुआ था. कई ऐसे विद्यालय मिले जहां वर्ष 2015 के भी छात्रवृत्ति व पोशाक राशि का वितरण तक नहीं किया गया था. इतना ही नहीं दर्जनों विद्यालयों में सरकारी योजनाओं की पंजी नहीं मिलने से सरकारी राशि के गबन की आशंका जतायी जा रही है.
बताया जाता है कि अगर गहन जांच हुई तो करोड़ों के सरकारी राशि के गोलमाल पर से पर्दा हट सकता है. ऐसे स्कूलों की संख्या सैकड़ों में है जहां के प्रधान शिक्षकों पर कार्रवाई हो सकती है.
मामला 236 स्कूलों के निरीक्षण बाद कार्रवाई में हो रही देरी का
डीपीओ मध्याह्न भोजन व सर्व शिक्षा अभियान के नेतृत्व में सरकारी स्कूलों की जांच में बड़े पैमाने पर धांधली उजागर
निरीक्षण के करीब एक महीना बीतने के बाद भी कार्रवाई के नाम पर टालमटोल कर रहे शिक्षा विभाग के अधिकारी
जांच के दौरान कई विद्यालयों में बंद मिला था ताला, दर्जनों स्कूलों में ड्यूटी से गायब थे शिक्षक
कई विद्यालयों में प्रतिनियुक्ति के खेल का भी हुआ खुलासा, सरकारी योजनाओं में भी गोलमाल उजागर
निरीक्षण के दौरान पायी गड़बड़ी के आधार पर कार्रवाई के लिये 3 मई को डीपीओ स्थापना को पत्र भेज कर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. गड़बड़ी में संलिप्त शिक्षकों पर कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है.
डॉ ब्रज किशोर सिंह, डीइओ
परबत्ता, मानसी, अलौली प्रखंड में विभिन्न विद्यालयों में जांच के दौरान पायी गयी गड़बड़ी सहित पूरी रिपोर्ट डीइओ को एक पखवाड़ा पूर्व ही भेज दी गयी है. इसकी प्रतिलिपि डीएम को भी भेजी गयी है. अब कार्रवाई क्यों नहीं हो पायी है इस बारे में कुछ नहीं बता सकते हैं.
अनिल कुमार सिंह, डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान.
मेरे पास अभी तक कार्रवाई से संबंधित कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. निर्देश मिलते ही कार्रवाई की जायेगी. इसमें कोताही का कोई सवाल ही नहीं है.
– सुरेश कुमार साहू, डीपीओ स्थापना.
निरीक्षण के दौरान एमडीएम में गड़बड़ी के लिये जिम्मेवार शिक्षकों पर मेरे स्तर से कार्रवाई की जा रही है. अन्य कार्रवाई के लिये डीइओ को पूरी जांच रिपोर्ट सौंप दी गयी है. इसमें देरी के बारे में कुछ नहीं बोल सकते हैं.
चन्द्रशेखर शर्मा, डीपीओ मध्याह्न भोजन.
शिक्षा विभाग में सुधार के लिये डीएम भले ही कृतसंकल्पित हो लेकिन उनके इरादे पर शिक्षा विभाग के अधिकारी ही पानी फेरने पर लगे हुए हैं. ताजा मामला विभिन्न प्रखंडों के 236 सरकारी स्कूलों की जांच के दौरान बड़े पैमाने पर पकड़ी गयी गड़बड़ी से जुड़ा हुआ है.

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