सुन्नते रसूल है खजूर से रोजा खोलना
खगड़िया/गोगरी : माहे-ए-रमजान का पाक माह में खजूर की ज्यादा अहमियत होती है. खजूर से रोजा खोलना सुन्नते रसूल है. हजूर पाक पैगम्बर मुहम्मद सल्लल्लाह-ओ-वसल्लम रोजा खजूर से खोला करते थे. खजूर से रोजा खोलना सुन्नत ही नहीं सेहत के लिए भी फायदे मंद है. रोजा में खजूर खाने से ऊर्जा प्राप्त होता है. खजूर […]
खगड़िया/गोगरी : माहे-ए-रमजान का पाक माह में खजूर की ज्यादा अहमियत होती है. खजूर से रोजा खोलना सुन्नते रसूल है. हजूर पाक पैगम्बर मुहम्मद सल्लल्लाह-ओ-वसल्लम रोजा खजूर से खोला करते थे. खजूर से रोजा खोलना सुन्नत ही नहीं सेहत के लिए भी फायदे मंद है. रोजा में खजूर खाने से ऊर्जा प्राप्त होता है.
खजूर में ग्लूकोज, सूक्रोज व फ्रूक्टोज जैसी प्राकृतिक शर्करा पाई जाती हैं. जो ऊर्जा बढ़ाने में मदद करते हैं. इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है इसलिए यह सेहत के प्रति जागरूक लोगों के लिए बेहतरीन है.जबकि रोजा में फल का भी एक अहम महत्व माना जाता है. रमजान माह में फलों की मांग को देखते हुए फलों के दामों में इजाफा हो जाता है. खजूर हिन्दुस्तान में ईरान, ईराक, पाकिस्तान, सऊदी अरब, मिश्र और गुजरात से आता है.