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प्रखंड में शिक्षा का हाल बेहाल

गड़बड़ी. िवभागीय अिधकारी नहीं दे रहे ध्यान प्रखंड में इन दिनों शिक्षा विभाग का हाल बेहाल है. 140 विद्यालयों का निरीक्षण व शैक्षणिक अनुश्रवण बाधित है. इसे गत एक माह से देखने वाला कोई नहीं है. परबत्ता : प्रखंड में इन दिनों शिक्षा विभाग बिना चालक का वाहन बन गया है. इसके साथ ही इस […]

गड़बड़ी. िवभागीय अिधकारी नहीं दे रहे ध्यान

प्रखंड में इन दिनों शिक्षा विभाग का हाल बेहाल है. 140 विद्यालयों का निरीक्षण व शैक्षणिक अनुश्रवण बाधित है. इसे गत एक माह से देखने वाला कोई नहीं है.
परबत्ता : प्रखंड में इन दिनों शिक्षा विभाग बिना चालक का वाहन बन गया है. इसके साथ ही इस कार्यालय से संचालित होने वाले 140 विद्यालयों का निरीक्षण एवं शैक्षणिक अनुश्रवण बाधित चल रहा है. इस विभाग को विगत एक माह से देखने वाला कोई नहीं है. यह कलह का केन्द्र बनकर रह गया है. आपसी खींच तान और राजनीतिक कारणों से यहां मूल कार्य के अलावा सबकुछ होने लगा है.
बीइओ का पद रिक्त
प्रखंड में बीईओ का पद विगत लगभग एक महीने से रिक्त है. विगत 31 मई को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश कुमार यादव के सेवानिवृत होने के बाद से सरकार के द्वारा अभी तक इस पद पर अन्य पदाधिकारी का पदस्थापन नहीं हो सका है. हलांकि जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के द्वारा गोगरी के बीईओ हरेन्द्र रजक को परबत्ता का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. लेकिन लगभग एक महीने बीत जाने के बावजूद प्रभार का लेन देन नहीं हो सका है.
बीआरपी का पद विवादित: प्रखंड में बीआरपी का पद विवादित हो गया है. जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य ने पत्रांक 241 दिनांक 02 जून 16 के द्वारा एक साधनसेवी मिथिलेश चौधरी को पद से हटा दिया गया है. इसके साथ ही उन्हें अपने मूल विद्यालय में योगदान का निर्देश दिया गया है. प्राचार्य के इस आदेश के विरुद्ध अपील करने के क्रम में बीआरपी विगत तीन सप्ताह से छुट्टी पर चले गये हैं. शेष बचे दो बीआरपी पर कार्यालय खोलने आदि की जिम्मेदारी है. इसलिये विद्यालयों में शैक्षणिक अनुसमर्थन एवं अनुश्रवण ठप सा होकर रह गया है.
प्रखंड में शिक्षा विभाग में लेखा सहायक सह लेखा समन्वयक के पद पर कार्यरत पदधारी का निवास जिला में रहने के कारण लेखा संबंधित कार्यों की स्थिति ठीक नहीं रहता है. लेखा संधारण एवं डाटा एन्ट्री का कार्य के संधारण का कार्य निजी फर्मों से कराया जाता है.
महीने में दो बार आते हैं समावेशी
प्रखंड के सभी विद्यालयों में दिव्यांग छात्र छात्राओं के शैक्षणिक एवं अन्य अनुसमर्थन के लिये एक समावेशी साधनसेवी शिक्षक पदस्थापित हैं. लेकिन इस साधनसेवी का दर्शन केवल महीने के अंत में अनुपस्थिति विवरणी लेने के दौरान ही हो पाता है. शिक्षा विभाग द्वारा इस पदधारी का उपयोग केवल जिला से डाक लाने – ले जाने में किया जा रहा है.

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