खगड़िया : स्वास्थ्य विभाग में रोज नये नये कारनामे सामने आ रहे हैं. अब नियम कायदे को ताक पर रख कर संगणक को पीएचसी अलौली का कैशियर बना दिये जाने के बाद चर्चा का बाजार गरम है. अभी अलौली में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की कुरसी का मामला सुलझा भी नहीं है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गड़बड़ी का दूसरा मामला सामने आ गया है. अबकी नियम कायदे को ताक पर रख कर पीएचसी के कैश का प्रभार देने में गड़बड़ी के खेल का खुलासा हुआ है.
बताया जाता है कि संगणक से कैशियर बनने में कामयाब स्वास्थ्यकर्मी मनीष कुमार डीएम के आदेश पर हटाये गये अलौली पीएचसी के विवादास्पद प्रभारी चिकित्सक डॉ आरएन चौधरी के खासमखास हैं. हालांकि डॉ चौधरी ने इससे इंकार किया है. इधर, मामला मीडिया में आने के बाद कैशियर की कुरसी बचाने के लिये अधिकारियों के दरबार में दौड़ लगाने का दौर शुरू होने की खबर है.
स्पेशलिस्ट को दरकिनार कर बनाया कैशियर : अलौली पीएचसी में तैनात लिपिक अवधेश कुमार रोकड़ की विभागीय परीक्षा पास कर चुके हैं. इस लिहाज से कैशियर का प्रभार देने के लिये लिपिक अवधेश कुमार ज्यादा मुफीद होते. लेकिन पिछले दरवाजे के खेल के सहारे में संगणक मनीष कुमार पीएचसी अलौली में कैशियर सहित स्थापना का प्रभार दे दिया गया. जानकारी अनुसार संगणक का काम सरकारी डाटा रिपोर्टिंग करना है. अब संगणक को क्या मालूम कि कैश में क्या क्या काम होता है. ऐसे में सरकारी राशि की हेराफेरी की आशंका जतायी जा रही है.
मामला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अलौली में नियम कायदे को ताक पर रख कर रोकड़ (कैश) का प्रभार देने का
संगणक को पीएचसी अलौली के कैश का प्रभार देने सरकारी राशि की गड़बड़ी की जतायी जा रही आशंका
इस काम के लिये स्पेशलिस्ट लिपिक के रहते संगणक को प्रभार देने के लिये परदे के पीछे हुआ खेल
पूरा खेल सामने आने के बाद प्रभार बचाने के लिये संगणक द्वारा अधिकारी के आगे-पीछे का दौर शुरू
हटाये गये अलौली पीएचसी प्रभारी के खासमखास बताये जाते हैं संगणक से कैशियर बने स्वास्थ्यकर्मी