40 प्रतिशत हुयी धान की रोपनी
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सोयाबीन की खेती में किसान दिखा रहे रुचि
40 प्रतिशत हुयी धान की रोपनी खगड़िया : मक्के, गेहूं की खेती से बाहर निकलकर अब जिले के किसान अधिक फायदे वाली फसलों की बुआई में रुचि दिखा रहे है. हाल के कुछ वर्षों में जिले के किसान सोयाबीन की खेती में रूचि दिखा रहे हैं. कम लागत पर अधिक आय होने के कारण इन […]
खगड़िया : मक्के, गेहूं की खेती से बाहर निकलकर अब जिले के किसान अधिक फायदे वाली फसलों की बुआई में रुचि दिखा रहे है. हाल के कुछ वर्षों में जिले के किसान सोयाबीन की खेती में रूचि दिखा रहे हैं. कम लागत पर अधिक आय होने के कारण इन दिनों प्रखंडों में अधिक से अधिक सोयाबीन की खेती कर रहे है. कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार लक्ष्य से सबसे अधिक सोयाबीन की ही खेती इस जिला में हुयी है.
यहां इस वर्ष सौ हेक्टेयर जमीन पर सोयाबीन की बुआई का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन इससे ढाई गुणा अधिक यानी 25 सौ हेक्टेयर जमीन पर किसानों ने सोयाबीन की खेती की है. बीते कुछ वर्षों से सोयाबीन की खेती कर रहे लाभगांव के किसान मुकेश कुमार सिंह की माने तो खरीफ सीजन में धान व मक्के से अधिक फायदेमंद सोयबीन की खेती है. क्योंकि बुआई के बाद न तो सोयाबीन के पौधों को उर्वरक की आवश्यकता पड़ती है और न ही पटवन की. बस कीड़ों से बचाने के लिए इसमें कीटनाशक से स्प्रे करने की जरुरत पड़ती है.
अन्य फसलों की स्थिति
इस खरीफ मौसम में 2 सौ हेक्टेयर भूमि पर अरहर, 15 सौ हेक्टेयर भूमि पर उड़द, 150 हेक्टेयर भूमि पर मूंग तथा सौ हेक्टेयर भूमि पर तिल की खेती किये जाने की रिर्पोट की गयी है. जानकारी के अनुसार इन सभी फसलों की बुआई शत प्रतिशत हुयी है. वहीं, दो सौ हेक्टेयर भूमि पर सूर्यमूखी,
50 हेक्टेयर भूमि पर अंडी तथा 27 सौ हेक्टेयर के विरुद्ध 26 हजार 650 हेक्टेयर भूमि पर मक्के की बुआई जिले के किसानों ने की है. अगर धान रोपनी की बात की जाय तो लक्ष्य से काफी कम किसानों ने धान की रोपनी की है. इस जिले में 20 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की बुआई करने का लक्ष्य है.
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