ये कस्तूरबा विद्यालय है या तालाब

परेशानी. महीनों से व्याप्त जल-जमाव की बदबू से परेशान हैं छात्राएं, अधिकारी बेखबर सदर प्रखंड स्थित कस्तूरबा विद्यालय आवास बोर्ड में इन दिनों कैदी की तरह बच्चों की जिंदगी कट रही है. जल-जमाव की समस्या ने इतना विकराल रुप धारण कर लिया है कि जल्द ही निदान नहीं हुआ तो बच्चों में कई बीमारियों का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2016 5:59 AM

परेशानी. महीनों से व्याप्त जल-जमाव की बदबू से परेशान हैं छात्राएं, अधिकारी बेखबर

सदर प्रखंड स्थित कस्तूरबा विद्यालय आवास बोर्ड में इन दिनों कैदी की तरह बच्चों की जिंदगी कट रही है. जल-जमाव की समस्या ने इतना विकराल रुप धारण कर लिया है कि जल्द ही निदान नहीं हुआ तो बच्चों में कई बीमारियों का फैलने से रोकना मुश्किल होगा.
खगड़िया : अगर आपके बच्चे सदर प्रखंड के आवास बोर्ड स्थित कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ रहे हैं तो संभल जाइये. खुदा ना करें … लेकिन समस्या ऐसी है कि आपके बच्चे महामारी के शिकार हो सकते हैं. जी हां, यहां पढ़ने वाले बच्चों का विद्यालय परिसर में निकलना भी खतरे से खाली नहीं है. करीब दो महीने से कस्तूरबा विद्यालय तालाब का शक्ल ले चुका है.
मध्य विद्यालय परिसर में संचालित कस्तूरबा विद्यालय में जलजमाव की समस्या ने विकराल रुप धारण कर लिया है. अब तो गंदे पानी से उठते दुर्गन्ध से शिक्षक से लेकर विद्यार्थी तक परेशान है. इतना ही नहीं मध्य विद्यालय में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे स्कूल तक आना नहीं चाह रहे हैं. कस्तूरबा के बच्चों की जिंदगी तो कैद हो कर रह गयी है. विद्यालय परिसर में भी निकलना दुश्वार हो गया है.
पानी में पैर डालते ही होने लगती है खुजली
महीनों में जलनिकासी नहीं होने के कारण कस्तूरबा विद्यालय सहित मध्य विद्यालय की स्थिति भयावह हो गयी है. विद्यालय के शिक्षकों की मानें तो विद्यालय में जमे गंदे पानी में पैर रखते ही खुजली होने लगती है. स्कूल से बाहर निकलते ही गंदे पानी का सामना करना मजबूरी बन गयी है. ऐसा नहीं है कि इस समस्या के बारे में शिक्षा विभाग के अधिकारी को खबर नहीं है. लेकिन समस्या का निदान करने की बजाय अधिकारी बेखबर बने हुए हैं. एक पखवाड़ा पूर्व डीइओ डॉ ब्रज किशोर सिंह कस्तूरबा विद्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे थे. समस्या से दो-चार होने के बाद मौजूद बच्चों व शिक्षकों को लगा कि अब शायद निदान हो जायेगा. लेकिन इस बार भी निराशा हाथ लगी. कोई पहल नहीं होने के कारण समस्या दिन ब दिन बदतर होती जा रही है. इतना ही नहीं आसपास के घरों के गंदे पानी का बहाव भी विद्यालय परिसर में होने से कस्तूरबा विद्यालय की बदहाली बढ़ती ही जा रही है.
सदर प्रखंड के आवास बोर्ड स्थित कस्तूरबा विद्यालय में मंडरा रहा महामारी का खतरा
कैद में है कस्तूरबा विद्यालय के बच्चों की जिंदगी, शिक्षक-छात्र सब परेशान
निरीक्षण को पहुंचे डीइओ ने भी जलजमाव की समस्या दूर करने से फेर ली आंखे
सदर प्रखंड के आवास बोर्ड स्थित कस्तूरबा विद्यालय में मंडरा रहा महामारी का खतरा
आसपास के घरों के गंदे पानी का बहाव भी विद्यालय परिसर में होने से स्थिति भयावह
गंदे पानी में पैर रखते ही होने लगती है खुजली, बच्चों का रुम से निकलना भी दुश्वार
करीब दो महीने से विद्यालय परिसर की यही हालत है. अब तो जल-जमाव से उठते दुर्गन्ध महामारी का संकेत दे रहे हैं. स्थिति ऐसी है कि परिसर में जमे गंदे पानी में पैर रखते ही खुजली होने लगती है. क्या करें… कई बार समस्या के निदान के लिये गुहार लगायी गयी लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है.
रीता वर्मा, वार्डेन, कस्तूरबा विद्यालय आवास बोर्ड.
जलजमाव से बहुत परेशानी हो रही है. विद्यालय परिसर में जिधर देखों उधर ही गंदे पानी का साम्राज्य कायम है. बच्चे से लेकर शिक्षक तक परेशान हैं. इस समस्या के कारण कई बच्चे तो स्कूल भी आना नहीं चाहते हैं. जल्द ही समस्या का निदान नहीं हुआ तो महामारी फैल सकती है.
प्रमोद यादव, प्रधानाध्यापक, कस्तूरबा विद्यालय.
जल्द ही विद्यालय परिसर में जल-जमाव की समस्या का निदान कर दिया जायेगा. साथ ही विद्यालय परिसर में मिट्टी भरने सहित अन्य विकास के काम के लिये प्रकिया के तहत काम करवाये जायेंगे.
अनिल कुमार सिंह, डीपीओ, सर्व शिक्षा अभियान.

Next Article

Exit mobile version