परिजनों ने किया हंगामा पीएचसी में नवजात की मौत

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर हंगामा करते परिजन. फोटो। प्रभात खबर स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही के मामले थमने का नाम नहीं रहे रहा है, ऐसे ही एक घटना शनिवार को हुई जिसमें प्रसव के बाद नवजात की मौत से गुस्साये परिजनों ने हंगामा किया. चौथम : प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार को प्रसव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2016 3:02 AM

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर हंगामा करते परिजन. फोटो। प्रभात खबर

स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही के मामले थमने का नाम नहीं रहे रहा है, ऐसे ही एक घटना शनिवार को हुई जिसमें प्रसव के बाद नवजात की मौत से गुस्साये परिजनों ने हंगामा किया.
चौथम : प्रखंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार को प्रसव बाद नवजात की मौत से गुस्साये परिजनों ने हंगामा किया. इस दौरान परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की. परिजनों का कहना था कि अगर नवजात की उचित देखभाल होती तो जान बच सकती थी. इधर, पीएचसी प्रभारी डॉ अनिल कुमार ने इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही से इंकार किया है.
विदित हो कि मैजनी गांव के अवधेश शर्मा की पत्नी गुड़ो देवी को को प्रसव के लिये शुक्रवार को पीएचसी में भरती करवाया गया. भरती के वक्त ही रजिस्ट्रेशन के नाम पर 50 रुपये लिये गये. इतना ही नहीं प्रसव करवाने के लिये गलब्स भी परिजनों को ही खरीद कर देना पड़ा. शनिवार की सुबह प्रसव हुआ लेकिन एक घंटे के अंदर ही नवजात ने दम तोड़ दिया. इससे गुस्साये परिजन पीएचसी में हंगामा करने लगे. परिजनों का कहना था कि पीएचसी की दुर्दशा को देखते हुए रेफर करने का भी आग्रह किया गया लेकिन उसे अनसूना कर दिया. प्रसव बाद सांस लेने में तकलीफ पर नवजात केयर यूनिट में रखने के लिये कहने पर मशीन खराब होने की बात कही गयी.
उधर, बवाल के वक्त पहुंचे प्रमुख प्रतिनिधि सुजीत कुमार सुजय व पंचायत समिति सदस्य अनिल कुमार सिंह आदि ने पीएचसी में मुआयना किया तो कई खामी सामने आयी. बेड पर ना तो चादर था और ना ही मीनू के अनुसार भोजन दिया जा रहा था. हर ओर गंदगी का आलम बरकरार था.
चौथम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में न बेड पर चादर और न ही मीनू के अनुसार मरीजों को भोजन दिया जाता है. भरती के लिये नजराना का लेन-देन पर रोक लगाने की बजाय पीएचसी प्रभारी व अस्पताल प्रशासन की बेरुखी दाल में काला की ओर इशारा कर रहे हैं. नवजात की देखभाल के लिये लगायी गयी मशीन भी उपयोग में नहीं लायी जाती है. ऐसी कई समस्याओं से पीएचसी में आने वाले मरीजों को दो-चार होना पड़ता है. जल्द ही एक आवेदन डीएम को देकर व्यवस्था में सुधार की गुहार लगायी जायेगी.
संजय कुमार सुजय, प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि
प्रसव के लिये भर्ती गुड़ो देवी एनिमिक थी. प्रसव बाद नवजात को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. ऑक्सीजन भी दिया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई है. अस्पताल में भर्ती के लिये रजिस्ट्रेशन मुफ्त है. इसके लिये कोई राशि नहीं देने लिये परिसर में पोस्टर भी चिपका दिया गया है. अब अगर खुशी-खुशी पैसों का लेन-देन होता है तो वह क्या कर सकते हैं. अवैध वसूली के बावत अगर कोई आवेदन मिलेगा तो
संबंधित स्वास्थ्यकर्मी पर कार्रवाई की जायेगी.
डॉ अनिल कुमार, चौथम पीएचसी प्रभारी.

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