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एक शिक्षिका की दो-दो जन्म तिथियां

खगड़िया : गौड़ाशक्ति मध्य विद्यालय में तैनात शिक्षिका मनोरमा देवी ने इस कुरसी को हासिल करने के लिये फर्जीवाड़ा के सारे रिकार्ड तोड़ दिये. सबसे चौंकानेवाली बात यह है कि वर्ष 2003 में शिक्षा मित्र बनने वक्त मनोरमा देवी की जन्मतिथि पांच जनवरी 1975 बताया गया तो दूसरी बाद वर्ष 2006 में प्रखंड शिक्षिका बनने […]

खगड़िया : गौड़ाशक्ति मध्य विद्यालय में तैनात शिक्षिका मनोरमा देवी ने इस कुरसी को हासिल करने के लिये फर्जीवाड़ा के सारे रिकार्ड तोड़ दिये. सबसे चौंकानेवाली बात यह है कि वर्ष 2003 में शिक्षा मित्र बनने वक्त मनोरमा देवी की जन्मतिथि पांच जनवरी 1975 बताया गया तो दूसरी बाद वर्ष 2006 में प्रखंड शिक्षिका बनने के लिये इस महिला ने दिये गये शैक्षणिक प्रमाण पत्र में दो फरवरी 1966 होने का दावा किया है.

नाम- मनोरमा देवी …
पहला जन्म – दो फरवरी 1966… दूसरा जन्म – पांच जनवरी 1975. चौंक गये ना… एक महिला के नौ वर्ष के अंतराल पर दो अलग-अलग जन्म भी हो सकते हैं. आजकल मध्य विद्यालय गौड़ाशक्ति में शिक्षिका पद पर तैनात मनोरमा देवी के इस कारनामें की चर्चा जोरों पर है. दरअसल यह सब हेराफेरी शिक्षिका पद पर नौकरी पाने के लिये किया गया है. सदर प्रखंड के मध्य विद्यालय गौड़ाशक्ति में शिक्षिका की कुर्सी पर विराजमान मनोरमा देवी ने नौकरी पाने के लिये गोलमाल के सारे रिकार्ड तोड़ दिये. मामला सामने आने के बाद आननफानन में शिक्षा विभाग ने शिक्षिका व उनके पुत्र से स्पष्टीकरण पूछा है. इधर, कार्रवाई रोकने के लिये सेटिंग-गेटिंग का दौर शुरू होने की खबर है.
पहले शिक्षा मित्र फिर बनी 34540 कोटि की शिक्षिका : वर्ष 2003 में गौड़ाशक्ति पंचायत में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के मैट्रिक प्रमाण पत्र में मनोरमा देवी ने 05 जनवरी 1975 बताया. जिसके आधार पर उनका चयन भी हो गया. इतना ही नहीं मनोरमा देवी के शिक्षक पुत्र संतोष पासवान के शैक्षणिक सार्टिफिकेट में जन्मतिथि 11
जनवरी 1981 बताया गया. इस आधार पर वह फिलहाल मध्य विद्यालय शुंभा गाजीघाट में शिक्षक पद पर नौकरी कर रहे हैं. इस प्रकार मां-बेटे के उम्र में महज छह वर्ष का अंतर था. शिक्षिका मनोरमा देवी की हेराफेरी यहीं नहीं थमी. करीब तीन वर्ष शिक्षा मित्र की नौकरी करने के बाद मनोरमा देवी प्रखंड शिक्षिका पद पर बहाली के लिये हाथपांव मारने लगी. वर्ष 2006 में प्रखंड शिक्षिका पद पर बहाली शुरू हुई तो मनोरमा देवी बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के प्रमाण पत्र के आधार पर चयन करवाने में कामयाब रही. इस प्रमाण पत्र में उन्होंने अपना जन्मतिथि 02.02.1966 होने का दावा किया है. बाद में मनोरमा देवी का चयन 34540 कोटि के शिक्षिका में हो गया. फिलहाल मनोरमा देवी मध्य विद्यालय गौड़ाशक्ति तो उनके पुत्र संतोष पासवान मध्य विद्यालय शुंभाघाट में शिक्षक पद पर नौकरी कर रहे हैं.
पहली बार महिला ने दो फरवरी 1966 को लिया जन्म तो दूसरा जन्म पांच जनवरी 1975 को होने का दावा
फर्जीवाड़ा के आधार पर बहाल मध्य विद्यालय गौड़ाशक्ति की शिक्षिका मनोरमा देवी के कारनामें की चहुंओर चर्चा
नौ वर्ष के अंदर ही इस महिला के बदल गये प्रमाण पत्र और शिक्षा मित्र से बन गयी 34540 कोटि की शिक्षिका
एक प्रमाण पत्र में तो बेटे से महज छह साल बड़ी है शिक्षिका मनोरमा देवी, मजे से कर रही शिक्षिका की नौकरी
मामला प्रकाश में आने के बाद शिक्षा विभाग ने मां-बेटे से पूछा स्पष्टीकरण, कार्रवाई रोकने को सेटिंग-गेटिंग शुरू
नाम मनोरमा देवी
पहला जन्म तिथि : 02.02. 1966
(बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड से 1982 में मध्यमा पास के प्रमाण पत्र में अंकित जन्मतिथि)
दूसरा जन्म तिथि
05. 01. 1975
(वर्ष 1995 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से मैट्रिक पास के सार्टिफिकेट में दी गयी जन्मतिथि)
बेटे का नाम
संतोष पासवान
(मैट्रिक के प्रमाण पत्र में अंकित जन्म तिथि : 11.01.1981)
साजिश के तहत अनर्गल आरोप लगाये जा रहे हैं. सारे आरोप बेबुनियाद हैं. जल्द ही स्पष्टीकरण का जवाब दे दिया जायेगा.
मनोरमा देवी, शिक्षिका.
मवि गौड़ाशक्ति में शिक्षिका के पद पर तैनात मनोरमा देवी व उनके शिक्षक पुत्र संतोष पासवान उम्र का अंतर मात्र छह वर्ष पाये जाने के बाद दोनों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है. मनोरमा देवी के दो अलग अलग जन्मतिथि वाले प्रमाण पत्र के बारे में जानकारी नहीं है. जल्द ही इस बारे में भी शिक्षिका से जवाब तलब किया जायेगा.
सुरेश कुमार साहू, डीपीओ स्थापना.

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