अभी तक अतिक्रमण मुक्त नहीं हुआ जलकर

एक बार फिर सभी सीओ की लापरवाही आयी सामने खगड़िया : राज्य व जिला स्तर से सभी सातों अंचलों के सीओ को जो समय सीमा दी गयी थी वो समाप्त हो गयी है, लेकिन सार्वजनिक जल स्त्रोतों पर जमे अतिक्रमण को हटाया नहीं जा सका है. सार्वजनिक जल स्त्रोतों जैसे पोखर, मोइन, झील, आहर, पइन, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2016 3:38 AM

एक बार फिर सभी सीओ की लापरवाही आयी सामने

खगड़िया : राज्य व जिला स्तर से सभी सातों अंचलों के सीओ को जो समय सीमा दी गयी थी वो समाप्त हो गयी है, लेकिन सार्वजनिक जल स्त्रोतों पर जमे अतिक्रमण को हटाया नहीं जा सका है. सार्वजनिक जल स्त्रोतों जैसे पोखर, मोइन, झील, आहर, पइन, नहर, नाला को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए राज्य स्तर से अभियान चलाया गया था. जिसका नाम अभियान जल निकाय संरक्षण रखा गया था, लेकिन इस अभियान का हाल वहीं रहा जो अन्य अभियान का रहा है. इस अभियान को सफल बनाने में एक बार फिर सभी सीओ नाकाम रहे हैं.
राज्य स्तर से ऐसे जल स्त्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए जो समय दी गयी थी वो काफी पहले समाप्त हो चुकी है, लेकिन जलकरों से अतिक्रमण हटाना तो दूर कुछ अंचलों में अतिक्रमित जलकरों को चिन्हित भी नहीं किया जा सका है.
जानकारी के मुताबिक बीते जून माह में ही राज्य तथा जुलाई माह में जिला स्तर से अभियान जल निकाय संरक्षण को लेकर सभी सीओ को आदेश जारी किये गये थे. पहले चरण में सभी सीओ को जलकरों को चिन्हित कर सीडी के माध्यम से इसकी सूची जिला स्तर पर भेजने का निर्देश दिया गया था. यह सूची जुलाई माह में ही देने को कहा गया था. सूत्र बताते हैं अब तक कुछ अंचलों से यह सूची भी अप्राप्त है. दूसरे चरण चिह्नित जलकरों में से यह पता लगाना था कि कौन-कौन से जलस्त्रोत अतिक्रमित हैं. इसके अलावा अगर किसी जलकर की जमाबंदी कायम की गयी हो तो उसे रद्द करने का भी निर्देश था.
जिलािधकारी ने सभी सीओ को प्रपत्र दो में ऐसे जलकरों की कायम जमाबंदी को रद्द करने का प्रस्ताव जिला स्तर पर भेजने का निर्देश दिया था. अभियान जल निकाय संरक्षण को लेकर जारी आदेश में अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने सहित उन्हें जलकर की जमीन पर दोबारा जाने से रोकने के लिए उनके विरुद्ध स्थानीय थाना में सनहा भी दर्ज कराने को कहा गया था, लेकिन अंचल स्तर की लापरवाही
के कारण यह ससमय पूरा नहीं
हो पाया.
हो सकती है सभी सीओ पर कार्रवाई
सभी अंचलों के सीओ के विरुद्ध कार्रवाई हो सकती है. अवर निबंधन पदाधिकारी के रिपोर्ट के आधार पर सीओ के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकती है. अवर निबंधन पदाधिकारी उमलेश कुमार ने डीएम को रिपोर्ट भेजी है. सीओ के द्वारा शत प्रतिशत गैर मजरूआ खास व आम जमीन की सूची नहीं भेजी है. जिसे गंभीरता से लिया गया है. सीओ के द्वारा उक्त श्रेणी की जमीन की सूची निबंधन कार्यालय को नहीं भेजे जाने कारण सभी सीओ के वेतन भुगतान पर रोक लगाने तथा उनसे जवाब मांगने को कहा है.

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