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जिले में चल रहे दर्जनों फर्जी क्लिनिक

गड़बड़ी. स्वास्थ्य विभाग संचालक के विरुद्ध नहीं कर रहा कार्रवाई फर्जी नर्सिंग होम पर सीएस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. नर्सिंग होम में जिंदगी से खिलवाड़ िकया जा रहा है. ताजा मामला गोगरी के दिव्य नर्सिंग होम का है. जिसमें गौछारी की पिंकी देवी के गलत ऑपरेशन किया गया . खगड़िया : जिले में सरकारी […]

गड़बड़ी. स्वास्थ्य विभाग संचालक के विरुद्ध नहीं कर रहा कार्रवाई

फर्जी नर्सिंग होम पर सीएस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. नर्सिंग होम में जिंदगी से खिलवाड़ िकया जा रहा है. ताजा मामला गोगरी के दिव्य नर्सिंग होम का है. जिसमें गौछारी की पिंकी देवी के गलत ऑपरेशन किया गया .
खगड़िया : जिले में सरकारी नियम कायदे को ताक पर रख कर संचालित फर्जी निजी नर्सिंग होम पर कार्रवाई करने से सिविल सर्जन के हाथ कांप रहे हैं. गली-मोहल्ले से लेकर दूर-दराज के इलाकों में बड़े-बड़े बोर्ड पर नामीगिरामी डॉक्टरों का नाम बेच कर किये जा रहे जिंदगी से खिलवाड़ पर स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है. कहीं तुम भी चुप और हम भी खुश की तर्ज पर यह गोरखधंधा तो नहीं हो रहा.
ऐसा नहीं है कि पहली बार फर्जी नर्सिंग होम की चपेट में आकर कोई मरीज जिंदगी और मौत से जूझ रहा है. इससे पहले भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है. जिसमें निजी नर्सिंग होम में मौत के सौदागरों के चंगुल में फंस कर लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. कुछ मामले की शिकायत हुई. जिसमें कार्रवाई की बजाय जांच कर लीपापोती कर दिया गया.
गौछारी की पिंकी देवी का क्या कसूर था कि 20 हजार रुपये कर्ज लेकर दिव्य नर्सिंग होम के संचालक को देने के बाद भी गलत ऑपरेशन कर उसे मौत के करीब पहुंचा कर सिसकने के लिये छोड़ दिया गया. इससे पहले चौथम के परमानंद हॉस्पिटल में भी महादलित युवक पंकज कुमार का सही इलाज नहीं होने के कारण तीन महीने से वह बेड पर पड़ा हुआ है.
कहते हैं सीएस : सिविल सर्जन डा अरुण कुमार सिंह ने कहा कि क्या करें. सब फर्जी क्लिनिक वालों को जेल भेज दें. अस्पताल का आउटडोर बंद करके चिकित्सकों को जांच में लगा दें. जब उनसे पूछा गया कि तब क्या फर्जी क्लीनिकों में मरीजों को मरने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने छोड़ दिया है, तो वह जवाब देने से कन्नी काट गये. जल्द ही फर्जी क्लिनिकों के खिलाफ जांच शुरू की जायेगी. दिव्य नर्सिंग होम के संचालक के द्वारा सीएस कार्यालय का चक्कर काटने की बात को उन्होंने बेबुनियाद बताया है.
कहते हैं स्वास्थ्य निदेशक :
स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालक निदेशक शशिभूषण कुमार ने कहा कि फर्जी नर्सिंग होम पर कार्रवाई का निर्देश सभी जिले के सिविल सर्जन को दिया गया है. डॉक्टर की बिना सहमति के उनके नाम का गलत इस्तेमाल कर फर्जीवाड़े के सहारे संचालित नर्सिंग होम में जिंदगी से खिलवाड़ गंभीर मामला है. अगर सीएस कार्रवाई नहीं करते हैं तो उनके ऊपर कार्रवाई होगी.
सीएस कार्यालय का लगा रहे चक्कर
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार गोगरी के मुश्कीपुर में संचालित फर्जी दिव्य नर्सिंग होम में पिंकी देवी के गलत ऑपरेशन का मामला तूल पकड़ने के बाद इसके संचालक व उनके पैरवीकार के सिविल सर्जन कार्यालय के चक्कर काटने की खबर है. ऐसे में सवाल उठता है आखिर सिविल सर्जन कार्यालय का चक्कर लगाने के पीछे क्या राज है? कहीं पहले की तरह दिव्य नर्सिंग होम मामले की भी लीपापोती करने का खेल तो नहीं खेला जा रहा है. हालांकि सीएस ने ऐसी किसी भी बात से इनकार करते हुए दिव्य नर्सिंग होम के संचालक या उससे जुड़े किसी अन्य व्यक्ति के कार्यालय के चक्कर काटने की बात को बेबुनियाद बताया है. बहरहाल, इस पूरे प्रकरण में अब तक कार्रवाई नहीं होने के पीछे क्या राज हैं यह तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ही बेहतर ही बता सकते हैं.

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