पेंशन राशि में फंसा है पेच, नियमों में सख्ती से बुजुर्गों को परेशानी
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पेंशन राशि में फंसा है पेच, नियमों में सख्ती से बुजुर्गों को परेशानी
पेंशन राशि में फंसा है पेच, नियमों में सख्ती से बुजुर्गों को परेशानी परबत्ता : प्रखंड में सामाजिक सुरक्षा योजना के पेंशनधारियों को पेंशन की राशि प्राप्त करने में अब पेंच फंसता जा रहा है. पेंच के कारण अब ये बुजुर्ग विभिन्न कार्यालयों के चक्कर काटने को विवश हो रहे हैं. इस में पेंच भी […]
परबत्ता : प्रखंड में सामाजिक सुरक्षा योजना के पेंशनधारियों को पेंशन की राशि प्राप्त करने में अब पेंच फंसता जा रहा है. पेंच के कारण अब ये बुजुर्ग विभिन्न कार्यालयों के चक्कर काटने को विवश हो रहे हैं. इस में पेंच भी ऐसे हैं जिसका हल नहीं निकल पा रहा है. दरअसल केन्द्र तथा राज्य की सरकार ने एक अप्रैल 16 से सभी प्रकार के सरकारी राशि का भुगतान को सीधे खाते में देने का आदेश जारी किया है. इससे पहले भी इस प्रकार का निर्देश दिया गया था.
लेकिन उसकी अंतिम तिथि को बढ़ा दिया जाता था. इस बार अंतिम रूप से इसे लागू करने का डेडलाईन तय किया गया है. लेकिन सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के विभिन्न लाभुकों को इसमें कई प्रकार की कठिनाईयां पेश आ रही है. अब जबकि प्रखंड में मार्च 2016 तक का अधिकांश पेंशन का भुगतान कर दिया गया है तो यह समस्या अब और ज्यादा उभरकर सामने आ रही है कि अप्रैल 16 से पेंशन का भुगतान कैसे होगा.
लाभुक एक नाम अनेक : प्रखंड में सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारियों में एक बड़ी संख्या ऐसे लाभुकों का है जिनका नाम अलग अलग सूची में अलग अलग रूप में संधारित है अर्थात किसी एक लाभुक का नाम मतदाता सूची, बैंक पासबुक, पेंशन बुक तथा आधार कार्ड में अलग अलग दर्ज है. सरकारी आदेश के अनुसार सभी पेंशनधारियों को अपना बैंक खाता संख्या तथा आधार नंबर देना है. स्वाभाविक है कि अलग अलग नाम से यदि इन दस्तावेजों को जमा कराया जायेगा तो पेंशन बंद होना लगभग तय है.
नहीं हो सकता सुधार : ऐसे त्रुटिपूर्ण दस्तावेज वाले पेंशनधारियों का एक दुर्भाग्य यह भी है कि इन सभी दस्तावेजों को दुरुस्त करने की युक्ति अभी तक नहीं बन पायी है. आधार कार्ड में नाम परिवर्तन के लिये चिन्हित विकल्पों में से कोई एक दस्तावेज पूर्व से उपलब्ध रहना आवश्यक है. वहीं प्रशासन के द्वारा पूर्व से प्रकाशित बीपीएल सूची में अंकित नाम में संशोधन का कोई विकल्प अभी मौजूद नहीं है. वहीं इन सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त करने वाले अधिकांश वास्तविक पेंशनधारियों के नाम को संशोधित कराने के लिये इस प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने वाला भी कोई नहीं होता है.
उम्र भी एक है समस्या
प्रखंड में अधिकांश पेंशनधारियों का आधार कार्ड भी नहीं बन पा रहा है. ऐसा देखा जा रहा है कि 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं तथा 70 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों का आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है. इन बुजुर्गों की अंगुलियों के निशान को आधार कार्ड बनाने वाले स्केनर नहीं पढ़ पा रहे हैं. इस वजह से इन बुजुर्गों का आधार कार्ड भी नहीं बन पा रहा है.अब आधार के बिना खाता खुलवाने से वंचित हो रहे हैं तथा इस वजह से आगे के महीनों में पेंशन मिलने का रास्ता भी बंद होने को है. हालांकि आधार कार्ड बनाने वाली एजेंसियां इन्हें हाथों की अंगुलियों को धुलवाकर तथा वेसलीन आदि लगाकर आने को कह रही हैं. लेकिन अधिकांश बुजुर्गों को इससे राहत नहीं मिल पा रही है.
कर्मियों को नहीं है रुचि
प्रखंड में प्रशासनिक कर्मियों को पेंशनधारियों के खाता एवं आधार संख्या को एक साथ टेग करने में पर्याप्त रुचि नहीं है. विगत एक वर्ष से यह अभियान चल रहा है.लेकिन अब तक यह पूर्ण रूप से संपन्न नहीं हो सका है.इस वर्ष हुए पंचायत चुनाव के बाद नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों ने इस बारे में रुचि लिया है. अब सभी लाभुकों से बैंक पासबुक के साथ आधार नंबर तथा सहमति पत्र लिया जा रहा है.
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