प्रधानाध्यापक बन गये संकुल समन्वयक

मामला सदर प्रखंड के भदास उत्तरी के प्राथमिक विद्यालय महुआ मुसहरी के प्रधान शिक्षक के सीआरसी में चयन का सरकार के गाइड लाइन को ताक पर रख कर पिछले दरवाजे से मैनेज के सहारे भदास संकुल समन्वयक का हुआ चयन खगड़िया : शिक्षा विभाग में सरकारी नियम कायदे कोई मायने नहीं रखते हैं. खगड़िया शिक्षा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2016 4:43 AM

मामला सदर प्रखंड के भदास उत्तरी के प्राथमिक विद्यालय महुआ मुसहरी के प्रधान शिक्षक के सीआरसी में चयन का

सरकार के गाइड लाइन को ताक पर रख कर पिछले दरवाजे से मैनेज के सहारे भदास संकुल समन्वयक का हुआ चयन
खगड़िया : शिक्षा विभाग में सरकारी नियम कायदे कोई मायने नहीं रखते हैं. खगड़िया शिक्षा विभाग रोज हो रहे नये खुलासे, सरकारी स्कूलों की बदतर स्थिति सहित कई गड़बड़ी पर कार्रवाई की बजाय सेटिंग-गेटिंग का खेल ज्यादा होने के कारण स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा है. ताजा मामला भदास संकुल समन्वयक पद पर हुए चयन में धांधली से जुड़ा हुआ है. नियमत: किसी भी स्कूल के प्रधानाध्यापक को संकुल समन्वयक (सीआरसी) नहीं बनाया जा सकता है,
लेकिन भदास संकुल समन्वयक के चयन में सरकारी नियम को ताक पर रख कर प्राथमिक विद्यालय महुआ मुसहरी के प्रधान शिक्षक प्रवीण कुमार को संकुल समन्वयक बना दिया गया. ऐसा नहीं है कि सरकारी गाइड लाइन की जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारी को नहीं है, लेकिन मैनेज के सहारे अभी भी प्रधानाध्यापक प्रवीण कुमार संकुल समन्वयक पद पर बने हुए हैं. मंगलवार को पूरे मामले पर डीइओ पर उनका पक्ष जानने के लिए उनके सरकारी मोबाइल पर कई बार फोन किया, लेकिन रिसीव तक नहीं किया गया.
खुद रहते हैं गायब, दूसरे का क्या करेंगे निरीक्षण
संकुल समन्वयक को अपने अधीन पड़ने वाले विद्यालयों की व्यवस्था का अनुश्रवण कर अधिकारी को रिपोर्ट करने सहित कई महत्वपूर्ण काम सौंपे गये हैं. दूसरे विद्यालय में शिक्षक आये कि नहीं, मध्याह्न भोजन का संचालन हो रहा है या नहीं, समय से विद्यालय खुलते हैं या नहीं सहित सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन ठीक ढंग से हो रहा है या नहीं ऐसे कई बिंदुओं पर समन्वयक को अनुश्रवण कर
उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजना होता है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जो संकुल समन्वयक खुद विद्यालय से अनाधिकृत रूप से गायब रहते हो वह दूसरे विद्यालय का निरीक्षण कितनी मुस्तैदी से करते होंगे इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. बता दें कि प्राथमिक विद्यालय महुआ मुसहरी के प्रधान शिक्षक प्रवीण कुमार की मनमानी चरम पर है. बिना छुट्टी के ही अनाधिकृत रूप से विद्यालय से गायब रहने वाले प्रधान शिक्षक प्रवीण कुमार पर कार्रवाई करने से शिक्षा विभाग के अधिकारी कतरा रहे हैं. करीब चार महीने पूर्व डीपीओ मध्याह्न भोजन चन्द्रशेखर शर्मा के निरीक्षण के दौरान भी प्रधान शिक्षक गायब थे, लेकिन उस वक्त कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
एमडीएम में भी गोलमाल
ग्रामीणों ने बताया कि प्रधान शिक्षक के ड्यूटी से गायब रहना कोई नयी बात नहीं है. शुक्रवार को जिला मुख्यालय से सटे प्राथमिक विद्यालय महुआ मुसहरी, भदास उत्तरी में एक ही कमरे में तीसरी, चौथी व पांचवीं के छात्रों को पढ़ाने के नाम पर खानापूर्ति की जा रही थी, जबकि भवन निर्माण की राशि निकासी के बाद अधूरा है. विद्यालय में मौजूद शिक्षक ने बताया कि एमडीएम का रजिस्टर प्रधान शिक्षक अपने घर पर ही रखते हैं. शुक्रवार को विद्यालय में 183 छात्रों की उपस्थिति बनी हुई थी, लेकिन मौके पर आधे से कम भी विद्यार्थी मौजूद थे. इधर, प्राथमिक विद्यालय महुआ मुसहरी के प्रधान शिक्षक प्रवीण कुमार ने ने कहा कि समय नहीं मिल पाने के कारण वह छुट्टी का आवेदन शिक्षा समिति के अध्यक्ष को देकर चले गये. मध्याह्न भोजन में धांधली सहित सारे आरोप बेबुनियाद हैं.

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