सलाखों में नहीं बजी फोन की घंटी
जनवरी से जेल में बंदियों के लिए होगी टेलीफोन की सुविधा अब बंदियों को परिजनों से बात करने में होगी सुविधा खगड़िया : स्थानीय मंडल कारा के बंदी अभी भी सरकार द्वारा दिये गये लाभ से वंचित हैं. सरकार ने योजना बनायी थी कि जेल में बंद बंदियों को परिजन से बात करने लिए दूरभाष […]
जनवरी से जेल में बंदियों के लिए होगी टेलीफोन की सुविधा
अब बंदियों को परिजनों से बात करने में होगी सुविधा
खगड़िया : स्थानीय मंडल कारा के बंदी अभी भी सरकार द्वारा दिये गये लाभ से वंचित हैं. सरकार ने योजना बनायी थी कि जेल में बंद बंदियों को परिजन से बात करने लिए दूरभाष की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. सरकार की घोषणा के एक वर्ष बीत जाने के बाद भी यह सुविधा स्थानीय मंडल कारा में शुरू नहीं की गयी है. बंदी परिजनों से बात करने के लिए तरस रहे हैं. विशेष स्थिति में भी बंदियों के परिजन उनसे संपर्क नहीं कर पाते हैं. बात करने के लिए परिजनों को दूर-देहात से चलकर जेल तक आना पड़ता है. मुलाकात के समय का इंतजार करना पड़ता है. परिजन बंदियों के लिए निर्धारित समय पर ही बंदी से बात कर सकते हैं.
इसके लिए उन्हें जेल की सुरक्षा के लिए बनाये गये नियमों से गुजरना पड़ता. मुलाकातियों को इसके लिए आदेश भी लेना पड़ता है. कई बार दूर-देहात से आने वाले परिजन जाम व वाहनों की समस्या से विलंब हो जाते हैं. उनके आते-आते बंदियों के लिए निर्धारित मुलाकात का समय बीत जाता है और वे निराश लौट जाते हैं. बंदी के साथ-साथ इस परेशानी को दंश उनके परिजनों को भी झेलना पड़ता है. अपराध की सजा के साथ-साथ उन्हें इस समस्या की सजा भी भुगतनी पड़ती है. जेल पर अधिक भीड़ के कारण परिजनों से उनकी ठीक से बात भी नहीं हो पाती है. परिवार की कुछ ऐसी समस्याएं होती है जिसे परिजन सबके सामने नहीं बता पाते हैं. कई बार तो मुलाकातियों की इतनी अधिक भीड़ हो जाती है कि कुछ बंदी बिना मुलाकात और बात के ही वापस हो जाते हैं.