नोटबंदी से धनकटनी हुआ प्रभावित
गोगरी : नोटबंदी का प्रभाव खेती पर पड़ने लगा है. बाजार में रुपयों की कमी से धान कटनी प्रभावित होने लगा है. वासुदेवपुर पंचायत के किसान कार्तिक यादव ने बताया कि अभी खेतीहर मजदूर अनाज के बदले मजदूरी में रुपये में लेना पसंद करते हैं. जो लोग नकद भुगतान कर रहे हैं. मजदूर उनके खेतों […]
गोगरी : नोटबंदी का प्रभाव खेती पर पड़ने लगा है. बाजार में रुपयों की कमी से धान कटनी प्रभावित होने लगा है. वासुदेवपुर पंचायत के किसान कार्तिक यादव ने बताया कि अभी खेतीहर मजदूर अनाज के बदले मजदूरी में रुपये में लेना पसंद करते हैं. जो लोग नकद भुगतान कर रहे हैं. मजदूर उनके खेतों में काम करने लगे हैं.
बन्देहरा के किसान सह सरपंच गांधी यादव ने बताया कि कैश के अभाव में धान कटनी बंद हो गयी है. घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद से दो हजार रुपये की ही निकासी हो रही है. शेरचकला पंचायत के किसान मिथिलेश कुमार ने बताया कि नोटबंदी से धान कटनी और खेतों से धान का उठाव प्रभावित हुआ है.
पंचायत के ही प्रकाश यादव ने बताया कि पके फसल को पहले काटे या नोट बदलने के लिए बैंक की लाइन में खड़ा हों. मजदूर नहीं मिल रहे हैं. परिवार के सदस्यों के साथ मिल कर धान कटनी करनी पड़ रही है. गोगरी पंचायत के किसान भक्त प्रहलाद महतो ने बताया कि नये नोट के लिए धान बेचना चाहते हैं, तो कोई व्यापारी लेने के लिए तैयार नहीं है. राटन के किसान निरोध फिरोज खान ने बताया कि नोटबंदी होने से उत्पादित सब्जियां कम मूल्य पर बेचने के लिए बाध्य हैं. खुदरा नोटों के अभाव के लिए साप्ताहिक हाटों में ग्राहकों की संख्या आधा से भी कम हो गयी है. नोट बंदी का प्रभाव खेती में पड़ने लगा है.