डीएम से किया शिकायत
अनियमितता को लेकर भ्रष्टाचार उन्मूलन मंच करेंगे आंदोलन मुखिया व पंचायत सचिव की मिलीभगत से कई योजनाओं की पूरी राशि गायब मुखिया पर पूरी संख्या में चापानल नहीं लगाने का है आरोप परबत्ता : प्रखंड के गोविन्दपुर पंचायत अंतर्गत में पंचायत की योजनाओं में अनियमितता एवं पारदर्शिता के अभाव के विरोध में कन्हैयाचक गांव के […]
अनियमितता को लेकर भ्रष्टाचार उन्मूलन मंच करेंगे आंदोलन
मुखिया व पंचायत सचिव की मिलीभगत से कई योजनाओं की पूरी राशि गायब
मुखिया पर पूरी संख्या में चापानल नहीं लगाने का है आरोप
परबत्ता : प्रखंड के गोविन्दपुर पंचायत अंतर्गत में पंचायत की योजनाओं में अनियमितता एवं पारदर्शिता के अभाव के विरोध में कन्हैयाचक गांव के कुछ जागरूक लोगों ने भ्रष्टाचार उन्मूलन मंच बनाकर भ्रष्टाचार के विरुद्ध शंखनाद कर दिया है. भ्रष्टाचार उन्मूलन मंच के अध्यक्ष पवन कुमार चौधरी,पूर्व पंसस संजू भारती ने बताया कि पंचायत की योजनाओं में भ्रष्टाचार एक अकेला मुद्दा नहीं है. यहां पंचायती राज की अवधारणा को भी समाप्त किया जा रहा है.
पंचायत में विधिवत आम सभा नहीं किया जाता है. इस कारण पंचायती राज संस्था में पारदर्शिता का सर्वथा अभाव है. आज भी सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, चापानल वितरण, सड़कों के निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा तथा कबीर अन्त्येष्टि योजना समेत सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में भारी गड़बड़ी स्पष्ट दिख रही है. कई योजनाओं को कागज पर संचालित कर राशि की बंदरबांट कर ली गयी.
क्या है योजनाओं की स्थिति
गोविन्दपुर पंचायत में संचालित योजनाओं के बारे में जब सक्षम प्राधिकार से सूचना का अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त हुई तब पता चला कि अधिकांश योजनाओं को अपूर्ण रूप में ही छोड़ दिया गया है. वहीं कुछ योजनाओं को तो जमीन पर संचालित ही नहीं किया गया है. मंच के सदस्यों का आरोप है कि मुखिया तथा पंचायत सचिव की मिलीभगत से कई योजनाओं की पूरी राशि ही डकार ली गयी. वित्तीय वर्ष 2011- 12 में पंचायत भवन के मरम्मत तथा रंगाई -पुताई करने के उद्देश्य से योजना संख्या- 01/2011-12 में 15 हजार की राशि से कार्य संचालित की गयी. इसमें तत्कालीन मुखिया नियम विरुद्ध तरीके से खुद ही अभिकर्ता बन बैठे. वहीं अगले वर्ष पंचायत के 53 सार्वजनिक स्थानों पर चापानल को गाड़ने हेतु 4 लाख 98 हजार 2 सौ रुपये के प्राक्कलन की योजना संख्या – 01/2012-13 खोला गया. इस योजना में नियम विरुद्ध तरीके से पंचायत शिक्षक को अभिकर्ता बना दिया गया. आरोप है का इस योजना में उल्लिखित चापानल को मुखिया जी ने केवल अपने समर्थकों के बीच वितरित कर दिया. इतना ही नहीं पूरी संख्या में चापानल नहीं लगाने का आरोप भी लगाया जाता रहा है. जिसके कारण पंचायत के लोगों में इस कार्य को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है.
योजनाओं का हुआ अवैध विखंडन
वर्ष 2013-14 में एक ही सड़क को दो खंडों में बनाकर सरकारी नियमों को धता बताया गया. ऐसे योजना में एक पीसीसी का निर्माण शामिल है. योजना संख्या 01/2013-14 में सदानंद चौधरी के घर से सुनैना गुरुजी से काली स्थान तक पीसीसी को 2 लाख 98 हजार 3 सौ रुपये तथा योजना संख्या 02/2013-14 को पार्ट दो में 2 लाख 72 हजार 9 सौ रुपये से संचालित किया गया. ग्रामीण कृष्ण मुरारी चौधरी, अभय कुमार मिश्र, उदयकांत चौधरी, राजनीति चौधरी, जय जयराम चौधरी, श्रवण चौधरी, उदय कुमार, समीर कुमार, अनिल चौधरी, राकेश कुमार ने कहा कि इन योजनाओं की व्यापक जांच एवं कार्रवाई की आवश्यकता है. अन्यथा यह पंचायती राज के स्थानीय स्वशासन की पूरी अवधारणा ही खतरे में है.
कहते हैं मुखिया
पंचायत के मुखिया राम बालक सिंह ने इन आरोपों के संबंध में अपना पक्ष रखते हुए बताया कि पंचायत चुनाव में बुरी तरह से हारे प्रत्याशियों एवं उनके कुछ गुमराह समर्थकों के द्वारा स्थानीय राजनीति तथा बदले की भावना से अनर्गल आरोप लगाये जा रहे हैं.योजनाओं के संचालन में गड़बड़ी के सभी आरोप निराधार हैं.