इमली व जमालपुर मौजा में की गयी जमीन चिह्नित
खगड़िया : इंजीनियरिंग कॉलेज सहित तीन आइटीआइ के भवन निर्माण के लिए जमीन की खोज पूरी कर ली गयी है. अधिकारी बताते हैं कि तकनीकी संस्थान के भवन निर्माण के लिए जमीन की जांच भी पूरी की जा चुकी है तथा राज्य स्तर पर इस संबंध में पत्र भी लिखा गया है. सीएम के सात […]
खगड़िया : इंजीनियरिंग कॉलेज सहित तीन आइटीआइ के भवन निर्माण के लिए जमीन की खोज पूरी कर ली गयी है. अधिकारी बताते हैं कि तकनीकी संस्थान के भवन निर्माण के लिए जमीन की जांच भी पूरी की जा चुकी है तथा राज्य स्तर पर इस संबंध में पत्र भी लिखा गया है. सीएम के सात निश्चय में खगड़िया जिले में एक इंजीनियरिंग कॉलेज सहित महिलाओं के लिए जिला स्तर पर तथा अनुमंडल स्तर पर एक एक सामान्य आइटीआइ का निर्माण कराना शामिल है. चारों भवनों के लिए सरकारी जमीन ही चिह्नित की गयी है. कहां कहां मिली जमीन
भवन निर्माण के लिए इमली मौजा में जमीन चिह्नित की गयी है.
शुंभा सोनिहार पथ के पास अवस्थित इमली मौजा में 10 एकड़ जमीन पर इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण कराया जायेगा. यह जगह इमली स्टेशन से दो किलोमीटर की दूरी पर है. इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए चिह्नित जमीन के पास ही यानी इमली मौजा में ही सामान्य आइटीआइ के लिए 3.90 एकड़ जमीन की खोज व जांच की गयी है. वहीं, जिला मुख्यालय में आइटीआइ के लिए प्रखंड कार्यालय तथा जेल के बीच जमीन को चिह्नित किया गया है. गोगरी अनुमंडल में भी एक आइटीआइ का निर्माण किया जायेगा. आइटीआइ के भवन निर्माण के लिए जमालपुर मौजा में 3 एकड़ जमीन का चयन किया गया है. पहले गोगरी अनुमंडल न्यायालय के भवन निर्माण के लिए इस जमीन को चिह्नित किया गया था. लेकिन गोगरी मुख्यालय से दो किलोमीटर दूर रहने के कारण यहां न्यायालय भवन निर्माण के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया था.
हरदासचक का प्रस्ताव रद्द
इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन निर्माण के लिए पहले हरदासचक मौजा में श्यामलाल ट्रस्ट की जमीन को चिह्नित कर इसका प्रस्ताव भेजा गया था. लेकिन इस जमीन के कुछ हिस्से पर विवाद रहने तथा मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन रहने के कारण यहां के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया गया. बताया जाता है कि बीपीएमसीआइ मधेपुरा के प्राचार्य डाॅ एमके झा, जीपी कॉलेज मधेपुरा के प्राचार्य एएम खां तथा डीडीसी अब्दुल बहाव अंसारी ने संयुक्त रूप से हरदासचक मौजा में इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए चिह्नित की गयी उक्त जमीन की जांच की थी. इन्हीं के संयुक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर हरदासचक मौजा के प्रस्ताव को खारिज कर दियाग गया.
कहते हैं अधिकारी
डीएलओ सुधीर कुमार ने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेज तथा तीनों आइटीआइ के भवन निर्माण के लिए अलग अलग जगहों पर जमीन को चिह्नित कर इसकी जांच की जा चुकी है तथा राज्य स्तर पर पत्र लिखा जा चुका है. इंजीनियरिंग कॉलेज सहित दोनों सामान्य आइटीआइ भवन निर्माण के लिए कृषि विभाग की जमीन को चिह्नित किया गया है. जबकि महिला आइटीआइ के लिए चर्म उद्योग विभाग की जमीन का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है.