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उदासीनता. कमाई के नशे में नहीं रुक रहा शराब का कारोबार शराबबंदी के बाद लगातार शराब बरामदगी के साथ ही कारोबारी भी गिरफ्तार हो रहे हैं, लेकिन धंधा थम नहीं रहा है. खगड़िया : जिले के शराब माफियाओं और पियक्कड़ों के खिलाफ उत्पाद विभाग व पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है, लेकिन शराब का अवैध […]

उदासीनता. कमाई के नशे में नहीं रुक रहा शराब का कारोबार

शराबबंदी के बाद लगातार शराब बरामदगी के साथ ही कारोबारी भी गिरफ्तार हो रहे हैं, लेकिन धंधा थम नहीं रहा है.
खगड़िया : जिले के शराब माफियाओं और पियक्कड़ों के खिलाफ उत्पाद विभाग व पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है, लेकिन शराब का अवैध कारोबार रूकने का नाम नहीं ले रहा. इसी कड़ी में गुरुवार को महेशखूंट और परबत्ता पुलिस की छापेमारी में महेशखूंट और परबत्ता के लगार ले भारी मात्रा में शराब बरामद की गयी. शराब के अवैध कारोबार में हो रहे अकूत कमाई को देखते हुए शराब माफिया रोज नये पैंतरे बदल कर इस कारोबार में लगे हुए हैं. कारोबारी नेपाल, झारखंड, यूपी, हरियाणा, बंगाल के साथ देश के कोने-कोने से शराब का खेप विभिन्न रास्ते से ला रहे हैं.
वैसे पुलिस भी शराब माफिया के हरेक चाल को काटने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. पुलिस कैश वैन, ट्रेन, बस, कूरियर, बोलेरो, कार आदि में लगातार छापेमारी कर भारी मात्रा में शराब के साथ कारोबारी को गिरफ्तार कर रही है. शराब माफिया के विरुद्ध लगातार कार्रवाई के बाद भी शहर से लेकर गांव तक खुलेआम शराब मिल रहा है. हाल यह है कि शराबियों को अब शराब होम डिलेवरी के माध्यम से मिलने लगी है. बताया जाता है कि शराब माफिया पांच सौ रुपये की बोतल छोटे-छोटे धंधेबाजों को एक हजार रुपये में देता है. कारोबारी उस शराब को सोलह से लेकर अठारह सौ रुपये में बेच देता है, यानी एक बोतल में छह सौ से लेकर आठ सौ रुपये तक की कमाई होती है. इसमें सबका कमीशन बंधा है.
पुलिस डाल-डाल, शराब माफिया पात-पात
पुलिस डाल-डाल तो शराब माफिया पात पात के समीकरण पर चल रहे हैं. माफिया किसी न किसी तरह से शराब लाने में सफल हो ही जाते हैं और पुलिस भी किसी न िकसी रास्ते उसे दबोचने के लिए अपना जाल बिछा देती है. हाल यह है कि पुलिस कभी कूरियर वालों के झोले से शराब बरामद करती है, तो कभी बैंक के कैश वैन से शराब बरामद करती है. इसके अलावा रांची से आने वाली बसों, तारी की दुकान से लेकर होटलों और माफियाओं के ठिकानों पर छापेमारी कर कारोबारी के नेटवर्क को तोड़ने में लगी है. लेकिन शराब माफिया इस कारोबार में अकूत कमाई के कारण इसे छोड़ नहीं रहा है.

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